अंतर्जनपदीय तबादले की दूसरी सूची पर निर्णय करेगा शासन, दो माह से हो रहा इंतजार, पांच हजार से ऊपर आई आपत्तियों का भी अब तक नहीं हुआ निस्तारण
अंतर्जनपदीय तबादले की दूसरी सूची पर निर्णय करेगा शासन, दो माह से हो रहा इंतजार, पांच हजार से ऊपर आई आपत्तियों का भी अब तक नहीं हुआ निस्तारण।
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की दूसरी सूची का दो माह से इंतजार हो रहा है। कुछ दिन पहले तक ये प्रकरण कोर्ट में लंबित होने से निर्णय नहीं हो पा रहा था। अब हाईकोर्ट ने शिक्षकों की याचिकाएं खारिज कर दी हैं, परिषद ने इससे शासन को अवगत करा दिया है। अब शासन ही इस संबंध में निर्णय लेगा कि दूसरी सूची जारी होगी या नहीं? यदि लिस्ट निकलेगी तो कब तक? प्रदेश के हजारों शिक्षक तबादला आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक अंतर जिला तबादलों को लेकर एक बरस से परेशान हैं। 13 जून 2017 को तबादलों के लिए शासनादेश जारी हुआ। अनुपालन में पूरा एक बरस लगा, संयोग से 13 जून 2018 को ही मुट्ठी भर शिक्षकों के स्थानांतरण दूसरे जिलों में हो सके। ऑनलाइन आवेदन 37396 हुए उसमें 31516 के दावेदारी सही मिली। इसके बाद भी लाभ सिर्फ 11963 शिक्षकों को ही मिल सका, जबकि इस कार्य के लिए 47 हजार से अधिक पद उपलब्ध थे। कई को जिलों में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक होने और बाद में आठ जिले एस्पिरेशनल घोषित होने के कारण तबादले नहीं हुए।
इसके उलट कई ऐसे भी जिले रहे जहां तय पदों से अधिक का तबादला हो गया, जबकि दिव्यांग, महिला, दंपती, गंभीर रूप से बीमार तमाम शिक्षकों का नाम सूची में नहीं था। इतना ही नहीं जिन शिक्षकों का पिछले वर्षो में स्थानांतरण हो चुका था, वह फिर तबादला पाने में सफल रहे। यह कार्य एनआइसी ने किया, इसलिए अफसर मौन रहे।
■ आपत्तियों का निस्तारण नहीं
अंतर जिला तबादला सूची जारी होते ही हंगामा होने पर परिषद ने आपत्तियां मांगी। करीब पांच हजार से अधिक शिक्षकों ने आपत्तियां भी दी हैं। उसी बीच प्रकरण कोर्ट पहुंचा तो प्रक्रिया जहां की तहां रुक गई। अब फिर शिक्षक दूसरी सूची जारी होने की मांग कर रहे हैं। परिषद का कहना है कि इस संबंध में निर्णय शासन ही करेगा, फिलहाल जिलों के अंदर तबादले व पारस्परिक स्थानांतरण ही पूरे नहीं हो पा रहे हैं। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने परिषद सचिव को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है और सूची जारी करने की मांग की है।
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