कलरव की हुई विदाई, सारंगी, आनंदमय गणित और मृदंगम पढ़ेंगे नौनिहाल

कलरव की हुई विदाई, सारंगी, आनंदमय गणित और मृदंगम पढ़ेंगे नौनिहाल


बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अब संस्कृत की पढ़ाई कक्षा तीन से

पहले एक किताब में चार विषय होते थे, अब तीन किताबें होंगी


प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कक्षा एक और दो से संस्कृत विषय हो हटा दिया गया है। अब संस्कृत की पढ़ाई कक्षा तीन से होगी। कक्षा एक और दो के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए नई किताबें तैयार कर दी गई हैं। किताबों की छपाई का काम चल रहा है। अगले महीने तक किताबें बच्चों को मुहैया करा दी जाएंगी।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब किताबों में बदलाव किया जा रहा है। इस वर्ष कक्षा एक और दो की किताबों में बदलाव किया गया है। पहले कक्षा एक और दो में कलरव किताब होती थी। एक ही किताब में हिंदी, अंग्रेजी, गणित और संस्कृत विषय की सामग्री होती थी। इससे बच्चे पर किताब का बोझ नहीं होता था और उसे तीन भाषाओं और गणित का ज्ञान कराया जाता था। 

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों को पढ़ाया जाना है। उस किताब को उत्तर प्रदेश के परिवेश के अनुसार बदला गया है। अब हिंदी, अंग्रेजी और गणित समेत कुल तीन किताबें हो गई हैं, जबकि संस्कृत को हटा दिया गया है।

हिंदी की पुस्तक का नाम सारंगी रखा गया है। इसमें अधिकतर अध्याय एनसीईआरटी के है। इसमें से दक्षिण भारत और उत्तर पूर्व से जुड़े अध्याय हटाकर प्रदेश के परिवेश के वाले पाठ जोड़े गए हैं।



अब कक्षा एक में अलग विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी हिंदी, गणित और अंग्रेजी

कक्षा 1 में अलग विषय हुए हिंदी, गणित और अंग्रेजी, इसी सत्र से NCERT की पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जाएंगी
 

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक व दो के विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इसी सत्र से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जानी हैं। इसके तहत कक्षा एक में पढ़ाई जा रही पाठ्यपुस्तक कलरव की विदाई हो गई है। 


अभी इसी पुस्तक में बच्चे हिंदी, गणित, अंग्रेजी और आंशिक संस्कृत पढ़ते थे। अब यह अलग-अलग विषय होंगे। हिंदी के लिए सारंगी-1, गणित के लिए आनंदमय गणित-1 तथा अंग्रेजी के लिए मृदंगम-1 पाठ्यपुस्तक तैयार की गई है।

कक्षा एक में संस्कृत नहीं पढ़ाई जाएगी। इसी तरह कक्षा दो के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है। कक्षा एक एवं दो के लिए पुस्तकों की छपाई कराई जा रही है। विद्यालय तक इसे पहुंचने में एक माह का समय लग सकता है।

राज्य शिक्षा संस्थान ने एनसीईआरटी के कक्षा एक एवं दो के पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश के अनुकूल (कस्टमाइज) किया है। इसके तहत कक्षा दो में हिंदी की पाठ्यपुस्तक किसलय के स्थान पर बच्चे सारंगी-2 पढ़ेंगे। गणित में गिनतारा के स्थान पर आनंदमय गणित-2 तथा अंग्रेजी विषय में मृदंगम-2 पुस्तक पढ़ेंगे।

राज्य शिक्षा संस्थान में सहायक उप शिक्षा निदेशक डा. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि नई पुस्तकों के साथ बच्चों के लिए विशेष रूप से अभ्यास पुस्तिका (वर्क बुक) भी तैयार की गई है। इससे वह अभ्यास कर विषय को जल्दी और अच्छे ढंग से सीख सकेंगे। हिंदी और गणित की अभ्यास पुस्तिका को राज्य शिक्षा संस्थान, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) तथा विक्रमशिला संस्थान ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। इसके अलावा अंग्रेजी की पुस्तक मृदंगम को आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआइ) ने कस्टमाइज कर अभ्यास पुस्तिका तैयार की है।

वच्चों को दवाव महसूस नहीं होगा : राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि कक्षा एक एवं दो के विषयों की अभ्यास पुस्तिका से बच्चे आसानी से और रोचक ढंग से पढ़ाई कर सकेंगे। इससे उन पर पढ़ाई का दबाव महसूस नहीं होगा। नई शिक्षा नीति में इस पर विशेष जोर दिया गया है।
कलरव की हुई विदाई, सारंगी, आनंदमय गणित और मृदंगम पढ़ेंगे नौनिहाल Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:26 AM Rating: 5

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