सपा शासन की 72825 शिक्षक भर्ती में शुल्क वापसी के आदेश, 2012 में एकेडमिक मेरिट के आधार पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया नहीं हो सकी थी पूरी, शुल्क वापसी हेतु डायट में करना होगा आवेदन
दिसंबर 2012 की भर्ती वालों को बड़ी राहत, 2015 सपा शासन में ही शुल्क वापसी
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वालों के लिए खुशखबरी है। आवेदन शुल्क वापस करने का आदेश जारी हो गया है। संबंधित जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान यानि डायट में आवेदन करना होगा। 2012 में एकेडमिक मेरिट के आधार पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। सपा शासनकाल 2015 में ही शुल्क वापस करने के आदेश हुए थे। अब अमल का निर्देश मिला हैं।
परिषदीय स्कूलों में 72825 सहायक अध्यापक भर्ती करने के लिए मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल 30 नवंबर 2011 को टीईटी मेरिट पर चयन का शासनादेश जारी हुआ था। प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन शुरू होने से पहले ही प्रदेश में सपा की सरकार की आ गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पांच दिसंबर 2012 को नया शासनादेश जारी हुआ। इसके तहत एकेडमिक मेरिट (शैक्षिक गुणांक) के आधार पर बीएड योग्यताधारी व टीईटी उत्तीर्ण 72825 अभ्यर्थियों के चयन के लिए आवेदन लिए गए। इसकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में 2014 में विशेष याचिका उत्तर प्रदेश राज्य बनाम शिव कुमार पाठक व अन्य दाखिल हुई। इसमें अंतरिम आदेश 25 मार्च 2014 व सिविल अपील 14 दिसंबर 2014 में कहा गया कि प्रशिक्षु शिक्षक चयन 30 नवंबर 2011 के आधार पर होगा। इस आधार पर 72825 पदों के सापेक्ष शिक्षकों की भर्ती की गई। बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह ने बताया कि पांच दिसंबर 2012 के तहत आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का चयन न होने पर उनसे लिया गया आवेदन शुल्क वापस करने का निर्णय हुआ था।
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