अभी तय नहीं हो पाए यूपी टीईटी 2018 के परीक्षा केंद्र, 30 अक्टूबर तक प्रवेशपत्र जारी करने को लेकर संशय, आवेदनों की संख्या के चलते प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में वेबसाइट के गड़बड़ाने की आशंका
अभी तय नहीं हो पाए यूपी टीईटी 2018 के परीक्षा केंद्र, 30 अक्टूबर तक प्रवेशपत्र जारी करने को लेकर संशय, आवेदनों की संख्या के चलते प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में वेबसाइट के गड़बड़ाने की आशंका।
प्रयागराज : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि यूपी टीईटी 2018 के परीक्षा केंद्रों की सूची फाइनल होने का नाम नहीं ले रही है। तैयारियों में सूबे के तीन जिले प्रयागराज, रायबरेली और शाहजहांपुर ने अब तक केंद्रों की सूची नहीं भेजी है। ऐसे में एनआइसी को लिस्ट भेजने में विलंब हो रहा है। 30 अक्टूबर तक प्रवेशपत्र जारी करने को लेकर संशय है।
ऐसे में परीक्षा नियामक प्राधिकारी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, खास बात यह है कि टीईटी के लिए सबसे अधिक आवेदन करने वाले जिलों में प्रयागराज सबसे ऊपर है, उसके बाद भी डीआईओएस और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण अभी तक परीक्षा केंद्रों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है। प्रयागराज में 96 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने टीईटी के लिए आवेदन किया है। वहीं, रायबरेली व शाहजहांपुर जिलों ने भी चुप्पी साध रखी है।
इस बार रिकॉर्ड आवेदन : जनवरी में शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा प्रस्तावित है, ऐसे में इस बार टीईटी को लेकर अभ्यर्थियों में शुरू से आवेदन करने की होड़ मची। वहीं, बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक स्कूल की भर्ती में शामिल करने का निर्देश मिलने के बाद टीईटी के लिए आवेदकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। टीईटी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों की तादाद 18 लाख से अधिक है। ऐसे में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर सभी जिलों में सकुशल परीक्षा कराना भी एक चुनौती है, परीक्षा की शुचिता बनाए रखने और नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शासन की ओर से जिलों के डीएम व डीआईओएस को पहले ही निर्देश जारी किए गए हैं।
■ वेबसाइट गड़बड़ाई तो बढ़ जाएगी मुश्किल
टीईटी के ऑनलाइन आवेदन में इस बार वेबसाइट ने अफसर व अभ्यर्थियों को खूब परेशान किया। इसके लिए शासन को तारीख तक बढ़ानी पड़ी। अब इतने ही अभ्यर्थी वेबसाइट से ही प्रवेशपत्र डाउनलोड करेंगे ऐसे में यदि फिर वेबसाइट गड़बड़ हुई तो परीक्षा समय पर कराना मुश्किल होगा। केंद्र तय होने में देरी से प्रवेश पत्र देर से जारी होंगे, फिर सभी अभ्यर्थी एक साथ उसे डाउनलोड करने को लेकर जूङोंगे। इससे पार पाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
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