शिक्षकों के बीच सत्र में अंतर्जनपदीय तबादले को बेसिक शिक्षा परिषद ने हाईकोर्ट से मांगी अनुमति, कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से स्थानांतरण से पढ़ाई में कोई बाधा न होने को बनाया आधार
अध्यापकों के अंतर जिला तबादलों पर लगी रोक में पुनर्विचार की मांग, बेसिक शिक्षा परिषद ने हाईकोर्ट में दाखिल की अर्जी
बेसिक शिक्षा विभाग ने मांगी तबादलों की मंजूरी, उच्च न्यायालय में दायर की याचिका
बेसिक शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादलों के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी है। विभाग की ओर से उच्च न्यायालय में तबादलों की मंजूरी के लिए याचिका दायर की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर में 54000 सहायक अध्यापकों के अंतर्जनपदीय तबादले करने की मंजूरी दी थी। विभाग ने तबादलों के लिए आवेदन पत्रों पर कार्यवाही शुरू की, इसी बीच सहायक अध्यापकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने शैक्षिक सत्र के बीच तबादले नहीं करने का आदेश दिया है।
इधर, विभाग ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर तबादलों की मंजूरी देने का आग्रह किया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अभी परिषदीय स्कूल नहीं खुले हैं। शैक्षिक सत्र के बीच तबादले करने से स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इसी आधार पर उच्च न्यायालय से तबादलों की मंजूरी देने का आग्रह किया है।
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के अध्यापकों का सत्र के बीच में स्थानांतरण करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। परिषद ने इसके लिए अध्यापकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर दिव्या गोस्वामी केस के आदेश में संशोधन की अर्जी दाखिल की है। हाईकोर्ट ने अंतरजनपदीय तबादलों के संबंध में यह भी कहा था कि नियमानुसार बीच सत्र में अध्यापकों के तबादले न किए जाएं।
दिव्या गोस्वामी के केस में अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से दाखिल अर्जी की प्रति उन्हें प्राप्त हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि इस वर्ष कोराना के कारण विद्यालयों में विद्यार्थी नहीं आ रहे हैं और पढ़ाई भी नहीं हो रही है इसलिए बीच सत्र में स्थानांतरण करने से छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं आएगी। इसी आधार पर इस वर्ष सत्र के बीच में स्थानांतरण करने की अनुमति मांगी गई है।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लेकर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 में शासनादेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय स्थानांतरण ले चुके हैं, वे दोबारा स्थानांतरण की मांग नहीं कर सकते हैं। दिव्या गोस्वामी सहित अन्य दर्जनों शिक्षकों ने याचिकाओं में इस शासनादेश को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने शासनादेश में सिर्फ अध्यापिकाओं को रियायत देते हुए कहा कि यदि अध्यापिका ने विवाह पूर्व अंतर जनपदीय स्थानांतरण लिया है और उसके बाद उनका विवाह हुआ है तो वह अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग दोबारा कर सकती है। इसके अलावा चिकित्सकीय आधार पर भी दोबारा स्थानांतरण की मांग की जा सकती है। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि नियमानुसार बीच सत्र में अध्यापकों के स्थानांतरण न किए जाएं।
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के अध्यापकों का बीच सत्र में स्थानांतरण करने पर लगी रोक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से पुनíवचार करने की मांग की है।
हाईकोर्ट द्वारा अध्यापकों के अंतर जिला तबादलों के संबंध में दिव्या गोस्वामी केस में पारित आदेश से सत्र मध्य तबादलों पर रोक लगा दी है। परिषद ने आदेश को संशोधित करके तबादले की अनुमति देने के लिए अर्जी दाखिल की है।
बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालयों में छात्र नहीं आ रहे हैं। इससे पढ़ाई भी नहीं हो रही है, इसलिए बीच सत्र में स्थानांतरण करने से छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं आएगी। ऐसी स्थिति में सत्र के बीच में स्थानांतरण करने की अनुमति देने से कोई विधिक नुकसान नहीं होगा।
बेसिक शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 को शासनादेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जो शिक्षक एक बार अंतर जिला स्थानांतरण ले चुके हैं वह दोबारा तबादला की मांग नहीं कर सकते हैं। दिव्या गोस्वामी सहित अन्य दर्जनों याचिकाओं में इस शासनादेश को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट ने शासनादेश में सिर्फ अध्यापिकाओं को रियायत देते हुए कहा कि यदि शिक्षिका ने विवाह पूर्व अंतर जिला स्थानांतरण लिया है। इसके बाद उनका विवाह हुआ है तो वह दोबारा स्थानांतरण की मांग कर सकती हैं। इसके अलावा चिकित्सकीय आधार पर भी दोबारा स्थानांतरण की मांग की जा सकती है। इस आदेश में कोर्ट ने कहा था कि बीच सत्र में अध्यापकों के स्थानांतरण न किए जाएं।
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