3 लाख दिव्यांग बच्चों को स्कूल का सहारा, लॉकडाउन में बच्चों को मिड डे मील का राशन, कन्वर्जन कास्ट और स्वेटर भी पहुंचाए
- 10 जिलों में लखनऊ प्रदेश में पहले स्थान पर
- 03 हजार 633 लक्ष्य के सापेक्ष 4178 का दाखिला
- 115 प्रतिशत आंकी गई लखनऊ की सफलता
- 10 जिलों ने लक्ष्य से अधिक बच्चों का पंजीकरण कराया
लखनऊ। लॉकडाउन में दिव्यांग बच्चों को प्राइमरी स्कूलों ने सहारा दिया। प्रदेश भर में ऐसे 3.07 लाख बच्चों को न सिर्फ दाखिला दिलाया गया बल्कि उन्हें स्कूल ड्रेस, स्वेटर, मिड डे मील का राशन और कन्वर्जन कास्ट भी दी गयी। केवल टाप 10 जिलों में बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया । दिव्यांग बच्चों को दाखिला दिलाने में लखनऊ प्रदेश में पहले स्थान पर है। अब स्कूल खुलने के बाद ये बच्चे स्कूल भी आएंगे।
प्राइमरी स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को चिन्हित कर उन्हें दाखिला कराने का शासन ने निर्देश दिया था। प्रदेश के लगभग सभी जिलों को इसके लिए 3,11,161 बच्चों को दाखिले कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसमें से बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 3,07,593 बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिला दिया है। 10 जिलों ने न सिर्फ लक्ष्य पूरा किया है बल्कि उससे अधिक बच्चों को चिन्हित कर उनका पंजीकरण कराया है। लखनऊ इस मामले में सबसे आगे है । लखनऊ को 3633 बच्चों का दाखिला कराने का लक्ष्य मिला था लेकिन इसके सापेक्ष यहां 4178 बच्चों का दाखिला कराया गया है। लखनऊ की उपलब्धि 115 प्रतिशत रही है। इसके लिए लखनऊ के बीएसए की तारीफ भी हुई है। इन दिव्यांग बच्चों को दाखिले दिलाने के साथ साथ उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी प्रेरित किया गया। वर्कशीट घर भेज कर उन्हें पढ़ाई करायी जा रही है। विभाग का दावा है कि ऑनलाइन से कम वर्कशीट से काफी दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
लखनऊ में काफी अच्छा काम हुआ: बीएसए
बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ दिनेश कुमार का कहना है कि लखनऊ में काफी अच्छा काम हुआ है। टॉप टेन की सूची में लखनऊ पहले स्थान पर हैं। सभी बच्चों का रजिस्ट्रेशन करा दिया है। उन्हें वर्कशीट ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। अन्य सुविधाएं भी उन तक पहुंचायी गयी हैं।
3 लाख दिव्यांग बच्चों को स्कूल का सहारा, लॉकडाउन में बच्चों को मिड डे मील का राशन, कन्वर्जन कास्ट और स्वेटर भी पहुंचाए
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:03 AM
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