69000 शिक्षक भर्ती के अन्तर्गत रिक्त पदों के सापेक्ष चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी
69000 शिक्षक भर्ती के अन्तर्गत रिक्त पदों के सापेक्ष चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी।
69000 शिक्षक भर्ती में आपत्तियों का हुआ निस्तारण, गलती पर मौका देने का फैसला करेगा न्याय विभाग
69000 शिक्षक भर्ती के आवेदन की अंतिम तिथि के बाद अर्हता पाने वालों को नहीं मिलेगी नियुक्ति
★ नया अपडेट
69000 : रिक्त पदों के सापेक्ष अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति प्रक्रिया अभिलेखों में विसंगति के सम्बन्ध में जारी स्पष्टीकरण के आधार पर दिनांक 25 जनवरी के पूर्व निस्तारित करने का आदेश
लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2019 के बाद स्नातक, बीटीसी व सीटेट उत्तीर्ण करने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जाएगी। वहीं, शिक्षामित्रों को मिलने वाले भारांक का लाभ नहीं मिलने से नियुक्ति से बंचित रहे शिक्षामित्रों को भी नियुक्ति नहीं दी जाएगी। शासन का मानना है कि भारांक का लाभ देने से जिले की चयन सूची प्रभावित होगी, इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी।
सहायक अध्यापक भर्ती की काउंसिलिंग के दौरान सामने आई त्रूटियों के कारण नियुक्ति से बंचित रहे अभ्यर्थियों के मामलों पर शासन स्तर पर गठित समिति ने रिपोर्ट दे दी है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक बिजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि भर्ती के पहले व दूसरे चरण की काउंसिलिंग में विभिन्न प्रकार की मानवीय त्रुटियों के मामले सामने आए थे।
इस पर शासन ने 4 दिसंबर को गाइडलाइन जारी कर ऐसे मामले निस्तारित करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जिलों में दबाव बढ़ने पर सभी विवादित मामलों के निस्तारण के लिए शासन ने समिति गठित कर दी। समिति ने संबंधित रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
इन अभ्यर्थियों के चयन होंगे निरस्त
अगर आवेदन पत्र में अभ्यर्थी ने अपने श्रेणी एससी के स्थान पर एसटी, विकलांग के स्थान पर डीएफएफ दर्ज की है। इतना ही नहीं. विशेष श्रेणी का अभ्यर्थी नहीं होने के बाबजूद विशेष आरक्षण की श्रेणी अंकित की हैं उनका चयन निरस्त किया जाएगा।
इन मामलों का ऐसे होगा निस्तारण
महिला के स्थान पर पुरुष और पुरुष के स्थान पर महिला अंकित करने वाले अभ्यर्थियों के मामले में जिला स्तरीय समिति दस्तावेज की जांच कर मामले निस्तारित करेगी। अध्यर्थियों को स्कूलों में नियुक्ति देने का से पहले चयन या सेवा में किसी तरह का परिवर्तन की मांग नहीं करने का शपथ पत्र भी लिया जाएगा।
काउंसिलिंग के समय अनुपस्थित रहने बाले अभ्यर्थी से स्पष्टीकरण लेकर उन्हें भविष्य में होने वाली काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया जाएगा।
अभ्यर्थियों की जन्मतिथि गलत अंकित होने पर उनसे मूल दस्तावेज प्राप्त कर जिला स्तरीय समिति प्रकरण को निस्तारित करेगी।
अभ्यर्थियों ने प्राप्तांक अधिक-पूर्णांक कम, प्राप्तांक और दोनों अधिक या दोनों कम अंकित किए हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के वास्तविक पूर्णांक या प्राप्तांक की गणना के आधार पर गुणांक निर्धारित करने से कुछ अभ्यर्थियों का गुणांक संबंधित जिले में उनकी श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से कम हो. रहा है। लिहाजा उस जिले में उनका चयन नहीं हो सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि चयन संबंधी सूची अंतिम रूप से प्रकाशित हो चुकी है। उसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं हो सकता है। इस संबंध में न्याय विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है।
अभ्यर्थियों ने प्राप्तांक कम और पूर्णाक अधिक अंकित किया है, उन्हें जिला स्तरीय समिति के समक्ष दस्ताबेज प्रस्तुत करने होंगे। समिति दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर नियुक्ति प्रदान कर सकती है। हालांकि इससे पहले अभ्यर्थी से भविष्य में भारांक परिवर्तन के आधार पर चयन या सेवा संबंधी परिवर्तन की मांग नहीं करने का शपथ पत्र लिया जाएगा।
अभ्यर्थियों के आबेदन पत्र में सीटेट के अंक और वास्तविक प्राप्तांक में अंतर है तो उनके वास्तविक अंकों का परीक्षण कराया जाएगा। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी के 55 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के सीटेट में 60 प्रतिशत अंक होने पर जिला स्तरीय समिति उनके प्रकरण को निस्तारित कर नियुक्ति प्रदान कर सकती है।
स्वयं के नाम, माता, पिता या पति के नाम में वर्तनी की गलती होने पर जिला स्तरीय समिति अभ्यर्थी से उचित साक्ष्य लेकर प्रकरण को निस्तारित करेगी
69000 शिक्षक भर्ती में शासन स्तर पर गठित कमेटी ने आवेदन पत्रों में हुई गलतियों पर निर्णय ले लिया है। प्राप्तांक अधिक-पूर्णांक कम, प्राप्तांक या पूर्णांक दोनों कम या अधिक या फिर प्राप्तांकों के परस्पर परिवर्तन भरने की गलती होने पर शिक्षक भर्ती में मौका दिए जाने का निर्णय न्याय विभाग लेगा। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि समिति के मुताबिक ऐसे अभ्यर्थियों के मूल अंकों के आधार पर गुणांक की गणना किए जाने की स्थिति में कुछ अभ्यर्थिंयों का गुणांक संबंधित जिले की अपनी श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी से कम है। लिहाजा चयन नहीं हो सकता। वहीं चयन सूची का प्रकाशन अंतिम रूप से हो चुका है और इसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकता। लिहाजा न्याय विभाग इस पर निर्णय लेगा।
शिक्षामित्रों के संबंध में निर्णय
शिक्षामित्र रहते हुए संस्थागत परीक्षार्थी के रूप में स्नातक परीक्षा पास की गई तो तो उक्त अवधि का भारांक उन्हें नहीं दिया जाएगा। यदि भारांक कम करने के बाद भी वे मेरिट में आते हैं तो नियुक्ति पत्र जारी किया जा सकता है। शिक्षामित्रों के रूप में यदि 10 वर्ष से कम की सेवा है तो 25 भारांक नहीं दिया जाएगा। वास्तविक सेवा के आधार पर भारांक की गणना की जाएगी और यदि अभ्यर्थी का गुणांक उस जिले की श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी के गुणांक से कम है तो उस जिले में तैनाती संभव नहीं होगी। वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने शिक्षामित्र न होने के बावजूद भारांक भर दिया है तो वह चयन सूची से बाहर होंगे। इस संबंध में न्याय विभाग का अभिमत लिया जाएगा। जिन शिक्षामित्रों को भारांक नहीं दिया गया है और चयन नहीं किया गया है, उन्हें भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा।
जिन महिला अभ्यर्थियों ने लिंग के कॉलम में पुरुष भरा है और उनका चयन हुआ है तो नियुक्त पत्र दिया जाएगा लेकिन उन्हें क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। लेकिन पुरुष अभ्यर्थियों ने लिंग में महिला भरा है और चयनित हो गए हैं, इस पर न्याय विभाग से परामर्श लिया जाएगा।
ये भी हुए निर्णय-
● अपने या माता-पिता के नामों में वर्तनी की गलतियां या गलत कॉलम में नाम भरने पर नियुक्त पत्र जारी करने के संबंध में मूल प्रमाणपत्र देख कर जिला चयन समिति निस्तारण करेगी।
● जिनके आवेदन पत्र में प्राप्तांक स्पष्ट नहीं या अभ्यर्थियों ने सीजीपीए के आधार पर प्राप्तांकों की स्वयं गणना कर ली गई है जो स्पष्ट नहीं है या फिर ऐसे संस्थान से परीक्षा उत्तीर्ण की गई है जिसकी मान्यता की स्थिति स्पष्ट नहीं है, ऐसे प्रकरणों में संबंधित परीक्षा संस्था से सत्यापन किया जाएगा। वास्तविक प्राप्तांकों के आधार पर जिला चयन समिति निर्णय ले।
● मूल अभिलेख दिखाने का समय तीन महीने दिया जाए।
● सीटेट व यूपी टेट के अंकों में भिन्नता होने पर न्यूनतम आर्हता अंक होने पर नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
चयन होगा निरस्त-
20 दिसम्बर 2020 के बाद स्नातक, बीटीसी, सीटेट या यूपीटेट परीक्षा पास करने वाले या यूपी टेट की वैधता खत्म हो गई हो तो चयन निरस्त कर दिया जाएगा।
यदि किसी ने जाति में एसी की जगह एसटी या विशेष आरक्षण भर दिया है और चयन हो गया है तो चयन निरस्त किया जाएगा। अन्य जिलों के सहायक अध्यापकों के पद पर काम कर रहे शिक्षकों को फिलहाल नियुक्ति पत्र जारी नहीं होगा। उच्च न्यायालय के अंतिम रूप से पारित होने वाले आदेशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी।
69000 शिक्षक भर्ती के अन्तर्गत रिक्त पदों के सापेक्ष चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी
Reviewed by sankalp gupta
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5:48 PM
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