परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भौतिक पठन पाठन संचालन ले सम्बन्ध में नवीन निर्देश जारी
परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भौतिक पठन पाठन संचालन ले सम्बन्ध में नवीन निर्देश जारी।
पठन-पाठन संबंधी नए निर्देश जारी, परिषदीय स्कूलों में बच्चों के टेस्ट, लिखित व मौखिक परीक्षा पर रोक, नहीं डालेंगे पढ़ाई का बोझ
काउंसलिंग के जरिये गुरुजी बच्चों को स्कूल आने के लिए करेंगे प्रेरित
प्रयागराज : परिषदीय स्कूल बच्चों के लिए खुल गए हैं। लेकिन अभी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम हैं। ऐसे में अब गुरूजी ऐसे बच्चों को चिन्हित करेंगे और उनके घर जाकर अभिभावकों से मिलेंगे। उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर कुछ कम होने के बाद अब परिषदीय स्कूल खुल गए हैं। एक सितंबर से प्राथमिक स्कूलों में भी भौतिक रूप से पठन-पाठन कोविड प्रोटोकाल के तहत शुरू हो गया है।
लेकिन अभी भी तमाम बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम है। निर्देश दिया है कि शिक्षक ऐसे बच्चों को चिन्हित करें, जो स्कूल नियमित तौर पर नहीं आ रहे हैं। शिक्षक ऐसे बच्चों के घर जाकर उनके अभिभावकों से संपर्क करें। साथ ही उनकी काउंसलिंग करें कि वह अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजें। साथ ही निर्देश दिया है कि लंबे अंतराल के बाद बच्चे स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में एक साथ बच्चों पढ़ाई का बोझ न डाल जाए। उन्हें विद्यालय में सहज महसूस होने दे। साथ ही उनका भावनात्मक रूप से समर्थन करें और नियमित स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।
लखनऊ। कोरोना संक्रमण के चलते लंबे अर्से बाद खुले बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पठन-पाठन के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। परिषद के विद्यालयों में किसी भी प्रकार के टेस्ट और लिखित व मौखिक परीक्षा पर रोक लगा दी गई है।
विभाग का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के भयावह रूप को देखने और अनुभव करने के बाद बच्चे स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में स्कूल आते ही उन पर पढ़ाई का बोझ डालने की जगह सहज वातावरण दिया जाना चाहिए इसलिए शिक्षकों को बच्चों के साथ खेल गतिविधियां कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पहले और दूसरे सप्ताह में बच्चों को रोजाना एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाई जाएगी। कोरोना के कारण लर्निंग गैप को दूर करने के लिए शिक्षकों व बच्चों के साथ गतिविधियां आयोजित कर बच्चों के वर्तमान शैक्षिक स्तर को समझा जाएगा।
विभाग की सचिव अनामिका सिंह ने अग्रिम आदेश तक किसी भी स्थिति में बच्चों का किसी प्रकार का टेस्ट, लिखित या मौखिक परीक्षा नहीं कराने के निर्देश दिए हैं।
5वीं तक दो घंटे पढ़ाई, फिर खेलकूद
कक्षा 1 से 5 में प्रतिदिन एक एक घंटे गणित व हिंदी की पढ़ाई कराई जाएगी। बाकी समय में बच्चों के साथ खेलकूद की गतिविधियों के साथ उन्हें पुस्तकालय की पुस्तकें पढ़ने का अवसर दिया जाएगा।
वहीं, कक्षा 6 से 8 तक में हिंदी और गणित विषय के अध्ययन पर अधिक जोर दिया जाएगा। साथ ही विज्ञान व अंग्रेजी विषय पर भी ध्यान दिया जाएगा।
बच्चे अधिक तो दो पालियों में चलेंगे स्कूल
विद्यालयों को पूर्व निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ही संचालित किया जाएगा। जिन विद्यालयों में बच्चे अधिक संख्या में उपस्थित हो रहे हैं, वहां तीन-तीन घंटे की दो पालियों में संचालन होगा। जिन विद्यालयों में बच्चों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है, वहां एक ही पाली में सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक स्कूल का संचालन किया जाएगा।
ई-पाठशाला भी चलेगी
यूपी दूरदर्शन पर रोजाना सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक ई-पाठशाला चलेगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग प्रत्येक रविवार शिक्षकों के व्हॉट्सएप ग्रुप पर कक्षावार एवं विषयवार शैक्षणिक सामग्री भेजेगा। शिक्षक इसे अभिभावकों के व्हॉट्सएप ग्रुप पर साझा करेंगे और उन्हें ई पाठशाला में शामिल होने को कहेंगे। यही नहीं, राज्यस्तर से प्रत्येक शनिवार को व्हॉट्सएप के माध्यम से साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता की सामग्री भी साझा की जाएगी।
घर-घर काउंसिलिंग करेंगे शिक्षक
जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं, शिक्षक उनके घर जाकर अभिभावकों से संपर्क करेंगे। उनकी काउंसलिंग कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करेंगे।
निर्देश : कृपया संलग्न पत्र का अवलोकन करने का कष्ट करें।
कोविड-19 महामारी के कारण एक लंबे अंतराल के पश्चात विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो गया है। कोविड महामारी के दौरान लम्बे समय तक बच्चों के लिए विद्यालय बन्द होने के कारण उनकी दक्षताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस चुनौती को स्वीकार करते हुये ही शिक्षक विद्यालय स्तर की गतिविधियों को संचालित करें।
👉 कोविड प्रोटोकॉल का सम्यक अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
👉 बच्चे काफी लंबे अंतराल के पश्चात् विद्यालय आ रहे हैं। सबसे पहले उन्हें विद्यालय के वातावरण से सहज होने दें। उन्हें भावनात्मक समर्थन प्रदान करें। बच्चों के विद्यालय आते ही उनके ऊपर पढ़ाई का बोझ न डाला जाये।
👉 बच्चों को विद्यालयी वातावरण से सहज होने तथा भावनात्मक रूप से सुढृढ़ करने के लिए विभिन्न खेल गतिविधियाँ करायी जायें।
👉 प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिये हिन्दी व गणित विषय में भी प्रारंभिक दिनों में गतिविधियाँ कराने पर फोकस किया जाये।
👉 कोरोना के कारण लर्निंग गैप को दूर करने के लिये सर्वप्रथम शिक्षक बच्चों के साथ गतिविधियों को करते हुये ही उनके वर्तमान शैक्षिक स्तर को समझें तथा उसी अनुरूप अपनी शिक्षण योजना बनायें।
👉 अग्रिम आदेशों तक किसी भी स्थिति में बच्चों का किसी प्रकार का आकलन टेस्ट /परीक्षा (लिखित या मौखिक) नहीं की जायेगी।
👉 जिन अभिभावकों द्वारा बच्चों को विद्यालय में नहीं भेजा जा रहा है अथवा उन्हें अनियमित रूप से भेजा जा रहा है, ऐसे परिवारों को चिन्हित किया जाये तथा होम विजिट्स के माध्यम से उनकी काउन्सिलिंग करते हुये विद्यालय में बच्चों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करायी जाये।
👉 एस0आर0जी0 तथा संबंधित विकासखण्ड के ए0आर0पी0 द्वारा विद्यालयों का सपोर्टिव सुपरविज़न सुनिश्चित किया जाये। इस दौरान उनके द्वारा विद्यालय व शिक्षकों को अपेक्षित व आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाये।
आज्ञा से ,
महानिदेशक , स्कूल शिक्षा।
परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भौतिक पठन पाठन संचालन ले सम्बन्ध में नवीन निर्देश जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
7:01 PM
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