परिषदीय विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों की व्यवस्था के संबंध में समस्त बीएसए को आदेश जारी

प्रधानाध्यापक का पद खाली तो सबसे वरिष्ठ शिक्षक होंगे प्रभारी, बिना किसी अतिरिक्त मानदेय दिए ही संभालेंगे प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी

हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा विभाग से निर्देश जारी

लखनऊः प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में जहां प्रधानाध्यापक का पद खाली है, वहां अब सबसे वरिष्ठ शिक्षक अस्थायी तौर पर स्कूल की जिम्मेदारी संभालेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मानकों के तहत ऐसे स्कूल जिनमें कक्षा एक से पांच तक में 150 से कम तथा कक्षा छह से आठ तक में 100 से कम बच्चे हैं, वहां पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होने तक वरिष्ठतम शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। अगर वरिष्ठ शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, तो यह जिम्मेदारी अगले कनिष्ठ शिक्षक को बिना किसी अतिरिक्त मानदेय के दी जाएगी।

त्रिपुरारी दुबे और अन्य के मामले में दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह निर्देश जारी किया गया है। इसके तहत याचिका दाखिल करने वाले इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को ही प्रधानाध्यापक पद का वेतन देने का निर्देश दिया गया है, अन्य के मामले में नहीं। 

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद खाली है, वहां प्रभारी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अपनी जिलेवार सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर करेंगे। यदि वरिष्ठ सहायक शिक्षक प्रभारी पद की जिम्मेदारी लेने से लिखित रूप में मना करते हैं, तो अगले क्रम के शिक्षक को यह दायित्व दिया जाएगा। 



परिषदीय विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापकों की व्यवस्था के संबंध में समस्त बीएसए को आदेश जारी


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