विस्तारित नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण संवर्ग के शिक्षकों से उनकी सहमति (विकल्प) लेकर नगरीय संवर्ग में शामिल करने हेतु विभागीय आदेश जारी
नगरीय संवर्ग में आने को शिक्षकों से लेंगे शपथ पत्र, शहरी सीमा के विस्तार के बाद गांव के स्कूल नगर में आए नगर संवर्ग में होंगे सबसे कनिष्ठ
लखनऊ । बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिन 46 जिलों के 1812 परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल नगरीय क्षेत्र में शामिल हुए हैं, वहां अब शिक्षकों से विकल्प मांगे जाएंगे। यहां 5324 सहायक अध्यापक हैं, जो विकल्प देंगे। विकल्प शिक्षक अपनी स्वेच्छा से देंगे। अगर वह चाहते हैं कि वह ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक संवर्ग में रहें तो फिर उनका समायोजन किसी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में किया जाएगा।
शहरी सीमा का विस्तार होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल अब नगर क्षेत्र में आ गए हैं। कुल 1812 विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र में आ गए हैं। स्कूलों में ग्रामीण व नगर क्षेत्र में शिक्षकों के अलग-अलग संवर्ग हैं। ग्रामीण से नगरीय संवर्ग में आने पर शिक्षक की वरिष्ठता खत्म होती है। ऐसे में अब शिक्षकों से शपथ पत्र लेकर उनका समायोजन किया जाएगा।
अगर वह शिक्षक नगरीय संवर्ग में शामिल होना चाहते हैं तो वह नगर क्षेत्र में आए अपने विद्यालय या पास के विद्यालय में बनें रहेंगे। ऐसा करने पर उनकी वरिष्ठता खत्म होगी। नगरीय संवर्ग में ग्रामीण क्षेत्र से आए शिक्षक अपने विद्यालय में तैनात सभी शिक्षकों में सबसे कनिष्ठ होंगे। ऐसे में विवाद न हो इसके लिए शिक्षकों से शपथ पत्र मांगा जाएगा।
विस्तारित नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण संवर्ग के शिक्षकों से उनकी सहमति (विकल्प) लेकर नगरीय संवर्ग में शामिल करने हेतु विभागीय आदेश जारी
46 जिलों के 1812 परिषदीय स्कूल हुए नगरीय सीमा में शामिल, ग्रामीण शिक्षकों को मिला समायोजन का मौका
परिषदीय स्कूल व शिक्षकों की स्थिति
नगरीय क्षेत्र में स्कूलों की संख्या: 4,010
ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों की संख्या: 1,32,000
प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक 3,38,590
1,20,860 उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक :
प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पद : 45,256
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पद : 8,041
लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को शहरी संवर्ग में शामिल होने का अवसर दिया है। इसमें उन विद्यालयों के शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, जो अब विस्तारित नगर सीमा में आ चुके हैं। प्रदेश के 46 जिलों में कुल 1812 परिषदीय विद्यालयों को नगरीय सीमा में शामिल किया गया है।
इन स्कूलों में फिलहाल 692 प्रधानाध्यापक, 5324 सहायक अध्यापक, 1893 शिक्षामित्र और 568 अनुदेशक कार्यरत हैं। वर्षों से इन नगरीय स्कूलों में नई नियुक्तियां न होने और कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त हो जाने से छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है। उदाहरण के तौर पर वाराणसी जिले में नगर सीमा में शामिल 73 विद्यालयों में 119 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि जरूरत 216 शिक्षकों की है। अन्य जिलों में भी नगरीय क्षेत्र में शामिल विद्यालयों की ऐसी ही स्थिति है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार, विस्तारित नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण स्कूलों के अध्यापकों से उनकी सहमति (विकल्प) लेकर उन्हें शहरी संवर्ग में शामिल किया जाएगा। संबंधित अध्यापकों से लिखित विकल्प लेकर उनके समायोजन की प्रक्रिया तय समय में पूरी की जाएगी। जिन शिक्षकों का समायोजन शहरी संवर्ग में किया जाएगा, उनकी वरिष्ठता शहरी संवर्ग में सबसे नीचे मानी जाएगी। यानी वे शहरी शिक्षकों की सूची में जूनियर स्तर से शुरुआत करेंगे।
यह व्यवस्था इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों व पूर्व में जारी शासनादेशों में संशोधन के क्रम में लागू की जा रही है। शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग से कहा है कि इस निर्णय के अनुरूप संवर्ग निर्धारण, वेतन संरचना व सेवा शर्तों से जुड़ी कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाए ताकि विस्तारित नगर सीमा में आने वाले शिक्षकों के बीच किसी प्रकार का भ्रम न रहे। इससे न केवल शिक्षकों के पदस्थापन और वेतनमान से जुड़ी अनिश्चितता खत्म होगी, बल्कि नगरीय क्षेत्रों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दूर होने की उम्मीद है।
इन जिलों के विद्यालय शामिल
लखनऊ, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, बहराइच, अयोध्या, श्रावस्ती, गोंडा, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, वाराणसी, आजमगढ़, आगरा, शामली, हापुड़, जौनपुर, जालौन, प्रतापगढ़, ललितपुर, अमरोहा, शाहजहांपुर, हमीरपुर, फतेहपुर, मऊ, मुजफ्फरनगर, रामपुर, कन्नौज, मैनपुरी, महोवा, प्रयागराज, हरदोई, हाथरस, बांदा, भदोही, गाजियाबाद, उन्नाव, बदायूं, चित्रकूट, अलीगढ़, एटा, बुलंदशहर आदि जिलों के विद्यालय शामिल हैं।
वरिष्ठता गंवाकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों को शहरी संवर्ग में समायोजन का मौका, विस्तारित नगर सीमा में आने वाले स्कूलों के लिए जारी हुआ निर्देश
लखनऊ : शासन ने विस्तारित नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण स्कूलों के शिक्षकों को शहरी संवर्ग में समायोजन के निर्देश दिए हैं। उप सचिव बेसिक शिक्षा आनंद कुमार सिंह ने निदेशक बेसिक शिक्षा लिखे पत्र में ग्रामीण स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अध्यापिकाओं से विकल्प लेकर उन्हें नगरीय क्षेत्र के शिक्षकों के संवर्ग में शामिल करने के लिए कहा है। जिन अध्यापकों का समायोजन शहरी संवर्ग में किया जाएगा, उनकी वरिष्ठता इस संवर्ग में सबसे नीचे मानी जाएगी।
शासन से जारी आदेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश और पूर्व में जारी शासनादेशों के संशोधन के क्रम में इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। 7 जुलाई, 2006 और 25 जून, 2025 के पूर्व के शासनादेशों को रद कर दिया है। शिक्षा विभाग से अपेक्षा की गई है कि वह शासन के इस निर्णय के अनुसार आवश्यक कार्रवाई जल्दी पूरी करें जिससे विस्तारित नगर सीमा में आने वाले शिक्षकों के संवर्ग निर्धारण और वेतन संरचना से संबंधित भ्रम की स्थिति समाप्त हो सके।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित विद्यालय जो नगर विकास विभाग उ०प्र० शासन की अधिसूचना के कारण विस्तारित नगरीय सीमा में अवस्थित है, में कार्यरत अध्यापकों से विकल्प (सहमति) लेकर नगरीय क्षेत्र के अध्यापकों के संवर्ग में सम्मिलित करने हेतु शासनादेश जारी
विस्तारित नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण संवर्ग के शिक्षकों से उनकी सहमति (विकल्प) लेकर नगरीय संवर्ग में शामिल करने हेतु विभागीय आदेश जारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:02 AM
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