योगी सरकार रोजगारपरक बनाने के लिए मदरसा पाठ्यक्रम में करेगी बदलाव, एनसीईआरटी की किताबों का लिया जाएगा सहारा, धार्मिक शिक्षा में नहीं होगा कोई बदलाव

लखनऊ : योगी सरकार मदरसा शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी में है। आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए एनसीईआरटी की किताबों का सहारा लिया जाएगा। उप्र मदरसा बोर्ड की नवंबर व दिसंबर में होने वाली बोर्ड बैठक में पाठ्यक्रम में बदलाव के प्रस्तावित संशोधनों पर विचार किया जाएगा। इसमें पास होने के बाद आगामी सत्र 2018-19 से नए पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी।

मदरसों में दो तरह की शिक्षा दी जाती है। इनमें पहली धार्मिक व दूसरी आधुनिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर साइंस व सामाजिक विज्ञान की शिक्षा शामिल है। सरकार ने साफ किया है कि मदरसों में दी जा रही धार्मिक शिक्षा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। ध्यान भी रखा जा रहा है कि मदरसों के मुख्य उद्देश्य धार्मिक शिक्षा प्रदान करने में कोई बदलाव न हो। सरकार इस तरह से आधुनिक विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है ताकि धार्मिक शिक्षा में कोई असर न पड़े।

सरकार पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए अब तक कई बैठकें भी कर चुकी है। यह बैठक प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग व मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता के नेतृत्व में मदरसा प्रबंधकों, शिक्षकों, मुस्लिम समाज के विचारकों व एनसीईआरटी के प्रतिनिधियों के साथ हुई है। इसमें प्रतिनिधियों ने मदरसा शिक्षा को और अधिक कैसे उपयोगी बनाया जाए, इस पर चर्चा की। प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण ने बताया कि पाठ्यक्रम में परिवर्तन का एकमात्र उद्देश्य इसे व्यवस्थित व सुगम बनाना है।

योगी सरकार रोजगारपरक बनाने के लिए मदरसा पाठ्यक्रम में करेगी बदलाव, एनसीईआरटी की किताबों का लिया जाएगा सहारा, धार्मिक शिक्षा में नहीं होगा कोई बदलाव Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 5:02 AM Rating: 5

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