महज 94 गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला
- सर्व शिक्षा अभियान की पहली दो तिमाही की रिपोर्ट में सामने आया सच
लखनऊ।
गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का सपना पूरा कर पाने में
यूपी फिसड्डी साबित हुआ है। जहां पड़ोसी राज्यों में हजारों गरीब बच्चों को
निजी स्कूलों में दाखिला मिला वहीं यूपी दहाई के आंकड़े को भी पार नहीं कर
सका। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हुए
दाखिलों की दो तिमाही की जारी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में महज 94 गरीब
बच्चों को जबकि इसी दौरान बिहार, राजस्थान और उत्तराखंड में हजारों बच्चों
को निजी स्कूलों में एडमिशन मिला। मध्य प्रदेश में तो यह आंकड़ा 2 लाख 86
हजार तो छत्तीसगढ़ में 1 लाख 63 हजार से भी अधिक जा पहुंचा है।
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अनिवार्य
एवं निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा 12 के तहत निजी
स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिले का अधिकार दिया
गया। इन बच्चों के खर्च की प्रतिपूर्ति राज्य सरकारों को करनी थी। प्रदेश
सरकार ने अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया,
लेकिन इसकी जटिलताओं के कारण गरीब बच्चों के लिए निजी स्कूलों की राह आसान
नहीं हो पाई।
खबर साभार : अमर उजाला
महज 94 गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:23 AM
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5 comments:
spa Sarkar garmin aanchalo me chal rhe manyta prapt junior schools ko ydi bchna or garmin bachcho ki pandai ke bare me ydi sajg ho to use in schoolo ko anudan pr lena hoga .
सारा बेसिक शिक्षा विभाग पागल हो चुका है क्योकि जिनका प्रमोसन हो चुका है उनको तो 17140 दे नहीं रहे सीधी भर्ती जूनियर में कर रहे है तो क्या स्टे नहीं आयेगा जरुर आएगा अगर कोई नहीं लायेगा तो में जरुर लाऊंगा जो जनहित में आवश्यक है
शाबाश। आपके अंदर यह जज्बा कायम रहे तो सबका भला हो जाएगा क्योंकि कुछ लोग तो हाथ पर हाथ रखकर इसलिये बैठे रहते हैं कि दूसरा कुछ करे तो हमें फायदा मिले। अपने हक के लिए भी आगे नहीं आते। अब स्थानान्तरण की ही बात ले लीजिए जिनके नहीं हुए और वे अर्हता रखते हैं अगर कोर्ट चले जाते तो अब भी सरकार को बात माननी पङती। अब भी समय है डर के आगे जीत है।
मै आपके साथ हू
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