शिक्षा मित्र टीईटी को तैयार नहीं : सचिव बेसिक शिक्षा के समक्ष रखा अपना पक्ष
- सचिव ने दिया उचित निर्णय का आश्वासन
लखनऊ।
शिक्षा मित्रों ने शिक्षक बनने के लिए एक स्वर में टीईटी देने से इन्कार
कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पिछले 13 साल से परिषदीय स्कूलों में
बच्चों को पढ़ा रहे हैं। सरकार भले ही उन्हें पूर्ण शिक्षक का दर्जा न दे
पाई हो, पर वे बच्चों को शिक्षकों के समान ही पढ़ा रहे हैं। शिक्षा मित्रों
ने सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार से बातचीत के दौरान उन्हें राजस्थान
में शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी के शिक्षक बनाने संबंधी कागजात भी दिए।
सचिव ने शिक्षा मित्रों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ न्याय होगा।
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शिक्षा
का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक
बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है। यूपी में हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे रखा
है कि बिना टीईटी के कोई शिक्षक नहीं बन सकता है। प्रदेश में 1.63 लाख
शिक्षा मित्रों को दो साल के प्रशिक्षण के बाद शिक्षक बनाया जाना है। पहले
चरण में 60 हजार शिक्षा मित्रों को जनवरी में शिक्षक बनाया जाना है। इसके
आधार पर ही उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित
किया जाना है। सचिव बेसिक शिक्षा ने टीईटी की अनिवार्यता पर शिक्षा मित्रों
की राय जानने के लिए मंगलवार को बैठक बुलाई थी।
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इसमें
शिक्षा मित्रों के तीनों संगठनों को बुलाया गया था। बैठक में आदर्श शिक्षा
मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, महामंत्री विश्वनाथ
सिंह कुशवाहा, उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल
कुमार वर्मा व उपाध्यक्ष रश्मि कांत द्विवेदी तथा उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला व महामंत्री पुनीत चौधरी बैठक
में शामिल हुए।
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जितेंद्र शाही ने सचिव को
शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने के संबंध में अब तक प्रदेश में जारी
आदेशों, राजस्थान में 27 हजार शिक्षा मित्रों (वहां शिक्षा सहायक) को बिना
टीईटी के शिक्षक पद पर समायोजित करने संबंधी आदेश की कॉपी उपलब्ध कराते हुए
बिना टीईटी के शिक्षक पद पर समायोजित करने की मांग की।
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इसी
तरह अन्य संगठनों ने भी बिना टीईटी के समायोजन की मांग की है। संगठनों ने
यह भी मांग रखी की जब तक सभी शिक्षा मित्र शिक्षक नहीं बना दिए जाते हैं,
उनका मानदेय 3500 रुपये से बढ़ा दिया जाए। देश के अन्य राज्यों में शिक्षा
मित्रों को दिए जाने वाले मानदेय संबंधी आदेश की कॉपी भी सचिव को उपलब्ध
कराई गई। सचिव बेसिक शिक्षा ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों का पक्ष सुन
लिया गया है। अब इस संबंध में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर आगे का
निर्णय किया जाएगा।
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खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षा मित्र टीईटी को तैयार नहीं : सचिव बेसिक शिक्षा के समक्ष रखा अपना पक्ष
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:04 AM
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19 comments:
jab tumlog class 8 tak padhane ki bat karte ho to tet dene se kyo fat rahi hai
itane hi bade teacher ho to TET kahe nahi nikal lete shikhsha shatru...
tum logo ki fat rahi hai mungeri lal
abhi to dekhte jaao permanent hone ke 2 3 saal baad SHATRU ye maang bhi kar daalenge ki ham pichhle 13 saal se primary school me appoint hai...........
Isliye hame PURANI PENSION milni chahiye.............
Hamara g p f katna chahiye...........
Aur pichle 13 saal se primary school bachcho ko padha rahe hai..............
Isliye hamara turant bilkul abhi junior high school ka head master pad par promotion hona chaahiye warna ham aandolan karenge..............
In sab problam se bachne k liye govt. ko in SHATRUO ko jooto ki maala pahanakar aur muh kaala karke kamar par LAATHI bajate hue terminate kar dena chahiye..........
Warna hamari govt. ke liye bahut samasya ho jaayegi...
SHATRU SHATRU SHATRU SHATRU SHATRU SHATRU
Tum logo ki q fat rahi h salo.2006 k bad niyukti paye ho kya kamino?
TET WALO KI Q FAT RAHI HAI APNA NAHI DEKHTE
iski bat ka bura nahi manana ye apne bap par gaya hai unka bhi screw dilla tha bechara bina sir pair ki bat karta tha isi ki tarah.ye apni jindagi me kuchh achchha nahi kar sakta iski soch gandi hai sath hi screw.........dila.
Tet pas balo ki fat chuki h..sarkar inki silne ka prayas bhi karti to sm dubara fad dete......
haaa..............
Yaar
2006 me hui hai........
Bilkul sahi idea lagaya bhosdi wale shatru
aap teacher's hi hum sixamitro ke bare me aisa bolte ho to dukh hota hai.kya aap is bat se inkar kar sakte hain ki humne 2250rs me bhi jitni mehnat karke padhaya hai utni mehnat se regular teacher bhi nahi padhate the.kya hum aapke sathi nahi hai.
SM KE NIUKTI HI SAMBIDA PER HUI HAI TO INKO PERMANENT KARNE KA KYA MATLAB INKO SIRF MANDEYA BADHAKER SM HI BANAYE RAKHNA CHAIYE KYNOKE NIYAM BHE KUCH HOTA HAI AISE TO HER VIBHAG KE SAMBIDA KERMCHARI PERMANENT KE BAAT KARENGE TO FIR SAMBIDA AADHARIT VACANCY GOVT. KYON NIKALTI HAI JAB SM NE KHUD SAMBIDA PRAPATRA PER SIGNATURE KER JOB HASIL KE TO GOVT UNHE PERMANENT KARNE KE LIYE UNSE BAAT KYON KAR RAHI HAI TET EXAM KO HIGH COURT NE TEACHER KE NIUKTI ME NECESSARY KAHA HAI TO KYA UP GOVT HIGHCOURT KE NIYA KO BADLNE KA PRAYAS KAR RAHI HAI
Dear kya aap shiksha mitra logo ne kya join karte samya writing me diya tha ki aap permanent job nahi mangege.
बिना पुस्तक बीटीसी प्रशिक्षण करने को मजबूरUpdated on: Wed, 20 Nov 2013 10:23 PM(IST)देवरिया : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री अनिल कुमार यादव ने कहा कि सूबे के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 1.72 लाख शिक्षामित्रों को शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद दो वर्षीय बीटीसी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रथम बैच के 60 हजार शिक्षामित्र अंतिम परीक्षा दे चुके हैं।उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के 92 हजार स्नातक शिक्षामित्र दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण के दूसरे सेमेस्टरमें प्रवेश ले चुके हैं। तृतीय चरण में लगभग बीस हजार शिक्षामित्रों ने प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश ले लिया है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रशिक्षु शिक्षामित्रों को शिक्षण हेतु किताबमाडल नही मिला है। डायट द्वारा प्रतिशिक्षामित्रों से चार सौ रुपये पंजीकरण के नाम पर वसूले गए हैं, जिससे शिक्षण सामग्री दी जानी थी। उन्होंने कहा कि किताब नही मिली, तो शिक्षा मित्र परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे। यह चिंता का विषय है।
are yaar shatruo exam dene ki jarurat hi kya hai........
Jaise t e t exam dene ko mana kar rahe ho
aise hi ye exam dene se bhi mana kar do..........
Aur aandolan shuru kar do
vidhan sabha par dharna dena shuru kar do....
jante kuchh nahi aur kanoonwid banate ho salah dene ki itni shauk hai to kanoon ke bare me thoda jankari kar lo.
Abe salo kutto madar chodo tum log high court fir supreme court ke chakkar lagate mar jao ge kutto par A.t. Kabhi nahi banoge keval kutto ki tarah avedan karte raho ge
TET WALE Q S.M KE PICHE PADO HO APNA KYO NAHI DEKHTE HO AAP LOG IAS KAR LO TET ME RAHOGE S.M PAR HAMESHA DARTE RAHOGE.
LAW KI DEEGRI LE LO TAB COMENT KARNA SM KE PICHE MAT PADO,,,,
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