आचार्य-अनुदेशकों को सहायक अध्यापक बनाने पर हाईकोर्ट का जवाब तलब
इलाहाबाद।
शिक्षा मित्रों की तर्ज पर प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत आचार्य
अनुदेशकों को भी सहायक अध्यापक बनाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश
सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से एक माह में जवाब तलब किया है। पुष्पा देवी
द्वारा दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति बी अमित स्थालकर सुनवाई कर रहे हैं।
याचीगणों का कहना है कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने उनके मामले में निर्णय लेने
के लिए निर्देश दिया था। इसके अनुपालन में शिक्षा निदेशक बेसिक ने 17
जनवरी 2013 और 27 अप्रैल 2013 को एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने 20 सितंबर
2014 को आचार्य अनुदेशकों को समायोजित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा।
सरकार को इस पर नीतिगत निर्णय लेना है मगर आज तक सचिव बेसिक शिक्षा की ओर
से कोई कार्यवाही नहीं की गई। कोर्ट ने पक्षकारों को इस मामले में एक माह
में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय
है कि सरकार द्वारा वैकल्पिक शिक्षा के तहत जिला प्राथमिक शिक्षा
कार्यक्रम (डीपीईपी) के तहत आचार्य-अनुदेशक और मदरसा अनुदेशक की नियुक्ति
की योजना प्रारंभ की गई थी। अनुदेशकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति के
माध्यम से मेरिट के आधार पर की गई। चयनित
अनुदेशकों को एक माह का प्रशिक्षण डायट द्वारा दिया जाता है। वर्ष 2009 में
नवीन प्राथमिक विद्यालय खुल जाने के बाद यह योजना बंद कर दी गई। तब से
अनुदेशकों का प्रकरण लंबित है।
खबर साभार : अमर उजाला
आचार्य-अनुदेशकों को सहायक अध्यापक बनाने पर हाईकोर्ट का जवाब तलब
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:19 AM
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Vaklpic anudeshak kab samayojit hongai plz bato
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