सरकार ने माना, मानक के अनुपात में शिक्षक नहीं : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद होगी भर्ती

  • सरकार भर्ती के लिए प्रयासरत, 
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार होगी भर्ती 

लखनऊ। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या के अनुपात में अध्यापक नहीं हैं। शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार जल्द से जल्द भर्ती करना चाहती है। शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 नवंबर 2013 के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। इसके निस्तारण के बाद परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती शुरू की जाएगी।
भाजपा के सुरेश राणा व डॉ. अरुण कुमार तथा बसपा के नीरज मौर्य के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा, यह सही है कि छात्र संख्या के अनुपात में अध्यापक नहीं हैं लेकिन सरकार लगातार भर्तियां करके अध्यापकों की कमी को दूर करने का प्रयास कर रही है। चौधरी ने बताया कि कुल 1,10,376 प्राथमिक विद्यालयों में से 4583 और 46,503 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 1484 में एक भी नियमित अध्यापक नहीं हैं। आसपास के विद्यालयों से इन विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की वैकल्पिक व्यवस्था कर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। इन स्कूलों में शिक्षा मित्रों की भी नियुक्ति की गई है। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के मानक के अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए। सरकार शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रयासरत है। हजारों अध्यापकों की भर्ती की गई है और प्रक्रिया चल भी रही है।
अनुपूरक सवालों के जवाब में उन्होंने 2011 में टीईटी की परीक्षा में हुई धांधली का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अगर हाईकोर्ट के 20 नवंबर के फैसले को मानती है तो अभी तक जिन 20-25 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है उन्हें निकालना पड़ेगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। याचिका के निस्तारित होते ही परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति कर दी जाएगी।

खबर साभार : अमर उजाला


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सरकार ने माना, मानक के अनुपात में शिक्षक नहीं : सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद होगी भर्ती Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:43 AM Rating: 5

5 comments:

Unknown said...

Good new hai

gumnam said...

Bhai Gud news ni chunavi lalipop h jise bs chuste raho ..........

Anonymous said...

Dear kush ho jao.

Unknown said...

Is sarkar ko bharti karni hi nahi hai.yadi jis tarh urdu teachers ki bharti kisi bhi keemat par karna chahati hai ,usi tarh chahy to TET pass B Ed berojgaron ki bharti bhi ki ja sakti hai.par ye sarkar jan bhoojh kar eysa pench chod deti hai jis se sabhi bhartiyan court me chali jati hain.

Unknown said...

Ye gov.hi bekar ha

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