सूबे के 35 फीसदी सरकारी स्कूलों में उपयोग लायक शौचालय नहीं
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लखनऊ,
अंबेडकरनगर, बागपत, बलरामपुर, बांदा, बरेली, बस्ती, बदायूं, चित्रकूट,
देवरिया, फतेहपुर, हमीरपुर, जौनपुर, झांसी, कुशीनगर, महोबा, महाराजगंज, मऊ,
मेरठ, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर, सुलतानपुर और
वाराणसी
- 35 फीसदी स्कूलों में उपयोग लायक शौचालय नहीं
- सूबे के सरकारी स्कूलों की हालत ज्यादा खराब
- अब भी दिया जा रहा शारीरिक दंड
स्कोर
की रिपोर्ट में बच्चों को सजा देने का भी उल्लेख है। वैसे तो स्कूलों में
बच्चों को मारना-पीटना व सजा देना बिल्कुल मना है। इसके बावजूद तमाम
स्कूलों में बच्चों को अभी शारीरिक दंड दिया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार
प्रदेश के 55 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड दिया जा
रहा है। इस मामले में निजी विद्यालय भी पीछे नहीं हैं। 55 प्रतिशत निजी
अनुदानित और 54 प्रतिशत निजी गैरअनुदानित स्कूलों में बच्चों को शारीरिक
दंड दिया जा रहा है।
- इन जिलों में हुआ सर्वे
सूबे के 35 फीसदी सरकारी स्कूलों में उपयोग लायक शौचालय नहीं
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:31 AM
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