डिमांड ही नहीं तो कैसे होगी फीस की प्रतिपूर्ति
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- गरीब बच्चों को 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त दाखिले का मामला
- बीएसए ने अभी तक नहीं की डिमांड, शासन ने जताई नाराजगी
लखनऊ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम में गरीब बच्चों को नामी प्राइवेट स्कूलों में
25 फीसदी सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया कुछ जिलों में शुरू तो हो गई है, पर
अधिकारी इसके एवज में फीस प्रतिपूर्ति की मांग नहीं कर रहे हैं। शासन ने
इस पर नाराजगी जताई है। शासन ने ने नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र भेजा है कि
बिना डिमांड कैसे फीस की प्रतिपूर्ति हो सकती है। इसलिए बेसिक शिक्षा
अधिकारी निदेशक के माध्यम से मुफ्त दाखिला दिलाने के एवज में फीस
प्रतिपूर्ति की मांग करें।
शिक्षा का अधिकार
अधिनियम में नाम प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 1 में गरीब छात्रों को 25
फीसदी सीटों पर मुफ्त दाखिला दिलाने की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2013-14
में तो पूरे प्रदेश में गिनती भर के केवल 60 बच्चों के ही दाखिले हो सके
थे। इस साल कई जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अच्छी पहल करते हुए
बच्चों को दाखिला दिलाने की प्रक्रिया पूरी की है। दाखिला देने वाले
स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से प्रति माह 400 रुपये फीस प्रतिपूर्ति
की व्यवस्था की गई है।
बेसिक शिक्षा
निदेशालय की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारियों तथा वित्त्त एवं लेखाधिकारियों
को पत्र भेजकर वर्ष 2014-15 के व्यय के लिए प्रथम छह माह का छात्र नामांकन
के आधार पर मांग पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके फीस
प्रतिपूर्ति के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। इस पर शासन ने
नाराजगी जताते हुए तत्काल नामांकन के आधार पर प्रति छात्र की दर से फीस
प्रतिपूर्ति के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में उप
शिक्षा निदेशक (अर्थ) इलाहाबाद शिव प्रकाश द्विवेदी ने बीएसए व वित्त्त एवं
लेखाधिकारी को पत्र भेजा है।
डिमांड ही नहीं तो कैसे होगी फीस की प्रतिपूर्ति
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
4:18 PM
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