शिक्षामित्रों ने डाला राजधानी में डेरा, सीएम योगी से वार्ता पर अड़े शिक्षामित्र, आज हो सकती है मुख्यमंत्री से वार्ता

सीएम से वार्ता पर अड़े शिक्षामित्र
लखनऊ : लक्ष्मण मेला मैदान में सोमवार को जुटे करीब 40 हजार शिक्षामित्रों की अगुआई कर रहे नेताओं ने ऐलान किया है कि जब तक सीएम योगी आदित्यनाथ से बात नहीं हो जाती, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि सीएम से बात होने के बाद ही यह धरना-प्रदर्शन समाप्त होगा। 


समान कार्य-समान वेतन
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने मांग उठाई कि 1.70 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए अध्यादेश जारी किया जाए और तब तक समान कार्य-समान वेतन के आधार पर वेतन व सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने बताया कि शिक्षा मित्र 16 साल से काम कर रहे हैं।



मुलाकात का आश्वासन
शिक्षामित्रों के सत्याग्रह को देखते हुए जिला प्रशासन ने संघ पदाधिकारियों को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाने का भरोसा दिया है। इसके अलावा लक्ष्मण मेला मैदान में तीन शिफ्टों में चार मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। एडीएम पूर्वी वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि शिक्षा मित्रों ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने का वादा किया है।



मेडिकल टीम तैनात
प्रशासन के मुताबिक, सोमवार शाम तक आधे शिक्षामित्र लौट गए। फिलहाल यहां दो कंपनी पीएसी व आरएएफ के जवानों के साथ एक मेडिकल टीम भी तैनात की गई है। एडीएम पूर्वी ने बताया कि पुलिस को अगले दो दिन भी जिले की सीमा पर सख्ती बरतने को कहा गया है। धरना स्थल में इतने शिक्षामित्र थे कि कुंभ मेले जैसा नजारा था। रात को भी सैकड़ों प्रदर्शनकारी यहीं टिके रहे।



तिरंगे ने बढ़ा दी शान
प्रदर्शन में कई शिक्षामित्र तिरंगा लेकर पहुंचे। इलाहाबाद से आए चंद्र मोहन राव के दल में सुरेश बड़ा तिरंगा लेकर आए। झंडा उठाकर चल रहे सुरेश के कारण उनका दल दूर से नजर आ रहा था। कई लोगों ने तो उनके साथ सेल्फी भी ली।



'सम्मान चाहिए'
धरना स्थल पर शिक्षामित्र कभी 'रघुपति राघव राजा राम' गाते रहे तो कभी 'हम होंगे काययाब'। इसके अलावा वंदेमातरम, इंकलाब जिंदाबाद के अलावा योगी मोदी को सम्मति दे भगवान और एक नारा एक ही संदेश अध्यादेश अध्यादेश अध्यादेश, भीख नहीं सम्मान चाहिए-पूरा वेतनमान चाहिए जैसे कई नारे लगाए। 


कई प्रदर्शनकारी अपने साथ खाने-पीने और बिस्तर का पूरा सामान लेकर आए, ताकि लंबे समय तक धरना देने में दिक्कत न आए। यही नहीं, प्रदर्शनकारियों को जहां भी जगह मिली, वहीं आराम करने लगे। किसी ने रिवर साइड रेलिंग के पास चादर तान ली तो किसी ने पेड़ के नीचे। यहां तक कि लक्ष्मण मेला स्थल पर चल रहे दूसरे संगठनों के कनात में भी डेरा जमा लिया। इसके अलावा कइयों ने शहर में भी कई जगह सड़क किनारे रात बिताई। 


लखनऊ में लाखों शिक्षामित्र अपने परिवार के भरण-पोषण और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, Picnic के लिए नहीं!- अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री (ट्विटर पर)

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