बीएड - बीटीसी के किसी भी सर्टिफिकेट को दिखाकर दें सकेंगे यूपीटीईटी, इंटरनेट की सत्यापित कॉपी भी होगी मान्य

 
इलाहाबाद : 15 अक्तूबर को प्रस्तावित टीईटी-2017 में बीएड या बीटीसी के किसी भी अंकपत्र या प्रमाणपत्र की मूलप्रति दिखाने पर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। यदि मूल प्रति नहीं है तो इंटरनेट की कॉपी संस्था से सत्यापित भी मान्य होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों व केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश जारी किए हैं।



दरअसल कई अभ्यर्थियों में यह संशय है कि अंतिम वर्ष का मूल प्रमाणपत्र दिखाने के बाद ही परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं है। बीटीसी-15 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्हें सिर्फ प्रथम सेमेस्टर का ही प्रमाणपत्र मिला है। दूसरे सेमेस्टर का परिणाम कई जिलों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में है जबकि तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर का अंकपत्र जिलों को ही नहीं मिला है। ऐसे में चतुर्थ सेमेस्टर की परिणाम पास नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों में संशय बना हुआ है।


सचिव डॉ. सुत्ता सिंह का कहना है कि परीक्षा केंद्र में उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलेगा जो प्रवेश पत्र के साथ अपने ऑनलाइन आवेदन में अंकित फोटोयुक्त पहचान पत्र तथा प्रशिक्षण योग्यता (बीएड या बीटीसी आदि) के किसी भी प्रमाणपत्र या अंकपत्र की मूल प्रति लाएंगे।



समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों के लिए पहला अवसर : 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों के टीईटी पास करने का यह पहला अवसर है। 1.37 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त हो चुका है। इनमें से बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए आवेदन किया है।


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