पिछले साल ई-सर्टिफिकेट देने की सरकार ने की थी पहल, प्रत्येक सफल अभ्यर्थी को मिलना था डिजिटल लॉकर, अब टीईटी के ई-सर्टिफिकेट की योजना ठंडे बस्ते में
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के ई-सर्टिफिकेट जारी करने की योजना पूरी नहीं हो सकी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 2015 की टीईटी से ई-सर्टिफिकेट जारी करने की योजना बनाई थी। इलाहाबाद के वर्तमान कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल उस समय बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव थे और ई-सर्टिफिकेट जारी करने का आइडिया भी उन्हीं का था।प्रत्येक सफल अभ्यर्थी को डिजिटल लॉकर उपलब्ध कराया जाता जहां से वे कभी भी प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता कि सर्टिफिकेट खोने का कोई डर नहीं रहता। वहीं दूसरी ओर मूल या डुप्लीकेट प्रमाणपत्र पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। ई-सर्टिफिकेट के चक्कर में अभ्यथियों को अपने प्रमाणपत्रों के लिए सात महीने इंतजार करना पड़ा था। टीईटी-15 का परिणाम 28 मार्च 2016 को घोषित हुआ था लेकिन प्रमाणपत्र सात महीने बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को भेजे जा सके थे। इसके बाद 2016 की टीईटी से ई-सर्टिफिकेट जारी करने की योजना थी लेकिन प्रमुख सचिव के बदलने के बाद पूरी प्लानिंग ठंडे बस्ते में चली गई।
टीईटी में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी ऑनलाइन आवेदन कर देते हैं जो शासनादेश के अनुसार आवश्यक अर्हताएं पूरी नहीं करते। इसलिए प्रमाणपत्र डायटों को भेजे जाते हैं ताकि अभ्यर्थियों क प्रमाणपत्रों की जांच करने के बाद ही उसे जारी करे। ई-सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश नहीं मिले हैं।-डॉ. सुत्ता सिंहसचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी
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