सहायक अध्यापकों के लिए लिखित परीक्षा में कड़ी शर्ते, 60 प्रतिशत अंक पाने वाले ही परीक्षा में होंगे पास, आरक्षित वर्ग में 55 फीसदी पाने पर मिलेगा प्रमाणपत्र
परीक्षा नियामक प्राधिकारी से सरकार ने मांगा है प्रस्ताव
ओएमआर शीट की तरह नहीं मिलेगी कॉपी
गलत सूचनाएं भरने परनहीं जंचेगी बुकलेट
पांच साल के लिए वैध होगा प्रमाणपत्र
सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रस्तावित 150 अंकों की लिखित परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 60 प्रतिशत (90 नंबर) पाने पर ही पास होंगे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने परीक्षा का प्रस्ताव राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेज दिया है। इसके मुताबिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की तरह ही सामान्य वर्ग में 60 फीसदी अंक पाने वाले अभ्यर्थी सफल होंगे।अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, भूतपूर्व सैनिक स्वयं, विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्ह अंक (पासिंग मार्क्स) 55 प्रतिशत या पूर्णांक 150 में से 82 अंक होगा। सफल अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। हालांकि परीक्षा पास करने से किसी व्यक्ति को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिलेगा।
शिक्षक भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिका की कॉपी नहीं मिलेगी। वर्तमान में टीईटी देने वाले अभ्यर्थियों को ओएमआर उत्तरपत्रक की एक प्रति सबूत के तौर पर दी जाती है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में लघु उत्तरीय प्रश्न होने के कारण ओएमआर शीट का इस्तेमाल नहीं होगा। इसीलिए अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिका की प्रति नहीं मिलेगी।
अभ्यर्थी यदि परीक्षा के समय दी गई टेस्ट बुकलेट के आवरण पृष्ठ पर अपेक्षित विवरण (टेस्ट बुकलेट नंबर, सीरीज, रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, अपना नाम आदि विवरण) गलत या अस्पष्ट भरता है तो उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं होगा। गलत सूचनाएं देने की पूरी जिम्मेदारी अभ्यर्थी की होगी।
सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए भर्ती परीक्षा का प्रमाण पत्र पांच साल के लिए वैध होगा। टीईटी के प्रमाणपत्र भी पांच साल के लिए वैध होते हैं
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