यूनिसेफ की रिपोर्ट : प्रदेश के 88% स्कूलों में कंप्यूटर नहीं, इंटरनेट यूजर में महिलाएं महज एक-तिहाई
मैं खुद अपने पोते
से पूछता हूं : नाईक
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि किसी भी तकनीक की प्रासंगिकता उसके उपयोग से होती है। मैं अभी मुश्किल से एसएमएस देखना व भेजना सीख पाया हूं। मैं अपने पोते से जरूरी चीजें पूछता हूं कि वह इंटरनेट पर सर्च कर बताए। नई पीढ़ी डिजिटल क्रांति के साथ बड़ी हो रही है, इसलिए इसके सभी पक्षों को समझना आवश्यक है। एसटीएसफ के एएसपी अरविंद चतुर्वेदी ने ऑनलाइन सुरक्षा के टिप्स साझा किए। कार्यक्रम में राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनजर अमित मेहरोत्रा ने अपने विचार रखे।
जब बच्चे हुए शिकार
45% शहरी और 5% ग्रामीण महिलाओं तक ही इंटरनेट की पहुंच
74% शहरी और 35% ग्रामीणों पुरुषों तक इंटरनेट की पहुंच
सब तक अब भी पहुंच नहीं
18% की शिकायत, नेट के चलते देर से सो रहे बच्चे
19% ने कहा नेट के चलते बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते
23% अभिभावक बच्चों के ज्यादा नेट इस्तेमाल से परेशान
इंटरनेट की आदत से अभिभावक परेशान
10% ने माना होमवर्क करने में आ रही दिक्कत
ऑनलाइन सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस के टिप्स
25% को गलत या घटिया नामों से बुलाया गया
29% को चिढ़ाया या आपत्तिजनक टिप्पणी की गई
22%
इसमें गैर-दोस्ताना व्यवहार के शिकार हुए
43% बच्चों ने सोशल मीडिया पर खराब बर्ताव महसूस किया
23% फीसदी ने दूसरों को घटिया तस्वीरें टैग कीं
24% ने दूसरे की शारीरिक बनावट पर भद्दी टिप्पणी की
27% ने दूसरों का मजाक उड़ाया
28% ने इसमें दूसरों को नापसंद करने के चलते परेशान किया
52% बच्चों ने माना कि उन्होंने दूसरों को सोशल मीडिया पर परेशान किया
जब बच्चों ने खुद
की साइबर बुलिंग
14% बच्चे हैं इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले• परिवार के अलावा किसी और को अपना मोबाइल इस्तेमाल करने
के लिए न दें• मोबाइल का ब्लूटूथ व वाई-फाई केवल आवश्यकता पड़ने पर खोलें, किसी से भी वन टाइम पासवर्ड शेयर मत करें• किसी अनजान नंबर, खासकर 44, +568 जैसे 11 डिजिट वाले नंबर के कॉल न उठाएं।• इंटरनेट सर्फिंग के दौरान एंटीवायरस जरूर इस्तेमाल करें, इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय htttps: और सिक्यॉरिटी लॉक जरूर देखें।• पासवर्ड कम से कम आठ अक्षरों/संख्याओं, स्पेशल कैरेक्टर का बनाएं, इसे किसी से साझा न करें, आज का दोस्त कल दुश्मन हो सकता है• एक से ज्यादा लोगों को ई-मेल भेजें तो बीसीसी (ब्लाइंड कार्बन कॉपी) में अंकित करें। अलग-अलग अकाउंट के लिए एक पासवर्ड इस्तेमाल न करें• डिजिटल अकाउंट में सुरक्षा सवाल, मोबाइल नंबर, एसएमएस अलर्ट, वैकल्पिक मेल आईडी जरूर अंकित करें, सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई का इस्तेमाल बैंकिंग या ई-वॉलेट से भुगतान के लिए मत करें• आप अपना अकाउंट नहीं खोल पा रहे तो कस्टमर सर्विस या टॉल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवाएं, अपना व्यक्तिगत विवरण पब्लिक डोमेन में प्रकाशित न करें। • सोशल नेटवर्किंग साइट इस्तेमाल करते समय प्रिवेसी सेटिंग का जरूर इस्तेमाल करें, केवल मित्रों या परिचितों से जुड़े, किसी को गलत मेसेज न भेजें, बुलाने पर अनजान जगह न जाएं।• एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : डिजिटल इंडिया के अभियान के बीच उत्तर प्रदेश के 88 फीसदी स्कूल अब भी कंप्यूटर जैसी बुनियादी जरूरत से दूर हैं। यूपी नीचे से छठे नंबर पर है। उसके नीचे केवल बिहार, मेघालय, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ही हैं। यह निष्कर्ष यूनिसेफ की 'डिजिटल दुनिया में बच्चों की स्थिति' पर जारी रिपोर्ट में आया है। राज्यपाल राम नाईक ने बुधवार को राजभवन में भारत और यूपी केंद्रित रिपोर्ट जारी की।
यूनिसेफ की रिपोर्ट में इंटरनेट के इस्तेमाल, खतरों, व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभावों का भी अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट डिजिटल विभाजन की गंभीर स्थिति को भी रेखांकित करती है। यूपी में 52% लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं जिसमें 12% इंटरनेट यूजर हैं। बच्चों के व्यवहार पर भी दिलचस्प तथ्य हैं। 8 से 17 वर्ष के 57% बच्चे ऑनलाइन गेम के जरिए नए दोस्त बनाते हैं जबकि लड़कियों में यह संख्या महज 13% फीसदी है। वहीं, 78% लड़कियां सोशल मीडिया के जरिए दोस्त बनाती हैं जबकि लड़कों में यह प्रवृत्ति 52% है। हालांकि देश में कुल इंटरनेट यूजर में महिलाएं महज एक-तिहाई ही हैं।
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