जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों की वेतन विसंगतियां होंगी दूर, कैबिनेट ने दी संशोधन हेतु प्रस्ताव को दी मंजूरी, होगा नियमावली में संशोधन
लखनऊ : जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों की अब वेतन विसंगति दूर होगी। कैबिनेट ने उप्र जूनियर हाईस्कूल (अध्यापकों एवं कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) (संशोधन) अध्यादेश, 2017 के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रदेश में प्रबंधतंत्र द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत अध्यापकों एवं कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए उप्र जूनियर हाईस्कूल (अध्यापकों एवं कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) अधिनियम 1978 के प्रावधान लागू हैं।
इस अधिनियम की धारा-दो में संस्था पद परिभाषित है लेकिन, जूनियर हाईस्कूल पद परिभाषित नहीं है। इस वजह से न्यायालयों में बहुत से वाद लंबित हैं। निस्तारण वादियों के पक्ष में हो रहा है। इस नियमावली से अधिनियम 1978 में जूनियर हाईस्कूल पद को परिभाषित किया गया है। इसी तरह एक अन्य प्रस्ताव में उप्र बेसिक शिक्षा अधिनियम-1972 में बेसिक शिक्षा परिषद की स्थापना का प्रावधान है। इसमें बेसिक शिक्षा को परिभाषित किया गया है लेकिन जूनियर बेसिक स्कूल और जूनियर हाई स्कूल परिभाषित नहीं है। इसे परिभाषित करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा संशोधन अध्यादेश 2017 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
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