सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एक देश, एक पाठ्यक्रम की अवधारणा, याचिका ठुकराते हुए कहा कि अवधारणा को लागू करना असम्भव
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि सारे देश में एक पाठ्यक्रम (वन नेशन, वन सिलेबस) लागू किया जाए। छह से 14 साल के बच्चों के लिए यह व्यवस्था लागू करने की मांग अपील में की गई थी। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि इस अवधारणा पर अमल करना संभव नहीं है।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की पत्नी व प्राइमरी स्कूल शिक्षक नीता उपाध्याय की तरफ से पेश अधिवक्ता साजन पूवाय्या ने इसके समर्थन में संविधान तक का हवाला दिया, लेकिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच इस पर विचार करने को तैयार नहीं हुई। पूवाय्या ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16 में प्रावधान है कि सभी बच्चों को बराबर के अवसर मिलें, लेकिन देश में कई पाठ्यक्रम लागू होने से बच्चों को सही दिशा में बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है। उनका यह भी कहना था कि संविधान का अनुच्छेद 21 ए में माना गया है।
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