रोकी गई भर्तियों पर निर्णय लेने के आदेश की अवमानना पर जवाब तलब, कोर्ट ने भर्तियां शुरू कराने के लिए दो माह में निर्णय लेने के आदेश पर हुई कार्यवाही उपलब्ध कराने को कहा
इलहाबाद : प्रदेश में रोकी गई भर्तियां पुन: चालू करने के आदेश की अवमानना याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने भर्तियां शुरू कराने के लिए दो माह में निर्णय लेने के आदेश पर हुई कार्यवाही उपलब्ध कराने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने दीपिका सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मार्च 2017 में आगामी सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। जिस पर 32 हजार अंशकालिक अनुदेशक, 12460 सहायक अध्यापक, 10000 उर्दू अनुवादक और 29334 सहायक अध्यापक की भर्तियां रोक दी गई थीं। राज्य सरकार के इस आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल हुई।
एकलपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से भर्तियों पर लगी रोक के आदेश को रद कर दिया था। जिसे सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी थी।इस अपील पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोकी गई भर्तियों को पुन: चालू करने के लिए दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। इस आदेश का अनुपालन न होने पर अवमानना याचिका दाखिल हुई है।
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