नियुक्तियों के फिर कानूनी पचड़े में फंसने का खतरा, आर्थिक रूप से पिछड़ों के आरक्षण और सवालों के गलत जवाबों को लेकर हाईकोर्ट आ रहीं याचिकाएं

नियुक्तियों के फिर कानूनी पचड़े में फंसने का खतरा, आर्थिक रूप से पिछड़ों के आरक्षण और सवालों के गलत जवाबों को लेकर हाईकोर्ट आ रहीं याचिकाएं।

प्रयागराज। लंबे कानूनी विवाद से निकलने के बाद 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती एक बार फिर अदालत की चौखट पर आ खड़ी हुई है। इस बार मामला हमेशा की तरह भर्ती परीक्षा में पूछे गए सवालों के सही उत्तरों के साथ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दस प्रतिशत आरक्षण नहीं देने का है। दोनों मुद्दों पर अलग अलग याचिकाएं आ रही हैं।





 हालांकि सुनवाई तभी होगी जब हाईकोर्ट मामले को अति आवश्यक मानते हुए 'अजेंसी एप्लीकेशन स्वीकार करेगा। ईडब्ल्यूएस और सवालों के गलत जवाब को लेकर अधिवक्ता सीमांत सिंह कहते हैं कि प्रदेश सरकार ने 13 अगस्त 2019 का शासनादेश जारी कर ईडब्ल्यूएस को दस प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया।


 शिक्षक भर्ती का परिणाम जारी होने के बाद 13 मई 2020 को प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी निदेशक, बेसिक शिक्षा लखनऊ और सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को सभी नियमों और शासनादेशों का पूरी तरह से पालन करते हुए नियुक्ति करने का निर्देश दिया। इसी दिन नियुक्ति प्रक्रिया की गाइडलाइन जारी कर दी गई। इसमें कहा गया कि आरक्षण सरकार के नियमों और शासनादेशों के तहत दिया जाएगा। 


इसमें एक्स सर्विस मैन, दिव्यांग, सेनानी आश्रित आदि सभी श्रेणियों का तो जिक्र है, मगर आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण देने का कहीं पर भी जिक्र नहीं है। जबकि इससे काफी पहले 13 अगस्त 2019 को ही आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का शासनादेश जारी हो चुका।


अभ्यर्थियों ने कहा, नहीं स्वीकार की गई आपत्तियां

परीक्षा में पूछे गए कई सवालों के जवाब 'आंसर-की में सही नहीं दिए गए हैं। अभ्यर्थियों ने ए सीरीज के प्रश्न संख्या 1247485460 71, 76 और 106 को चुनौती दी है। उन्हें आपत्ति है कि आठ मई को अंतिम उत्तरकुंजी जारी की गई, मगर इसमें उनकी पत्तियों को स्वीकार नहीं किया गया। याचीगण का दावा है कि सही हैं, जबकि कई प्रश्न आउट ऑफ पर कई प्रश्नों में दो-दो विकास की आर्मी की मान्य पुस्तकों के आधार सिलेबस पूछे गए। सिलेबस में हिंदी साहित्य शामिल नहीं है, सिर्फ हिंदी व्याकरण है, इसके बावजूद हिंदी साहित्य से भी सवाल पूछे गए हैं। इनके अंक मिलने चाहिए। अधिवक्ता विभु राय ने भी चार प्रश्नों के विकल्पो को लेकर याचिका दाखिल की है। एक मामले में 'अर्जी एप्लीकेशन' स्वीकार हुई है, जिसमें याचिका दाखिल की जाएगी। डी सीरीज और ए सीरीज के जिन प्रश्नों को चुनौती दी गई है, उनमें कई में समानता है, सिर्फ प्रश्नों के क्रमांक अलग-अलग हैं। इनमें अंग्रेजी का प्रश्न भी है। 


जल्द दाखिल होगी याचिका 

अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाले अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना है, इसके लिए हाईकोर्ट में 'एजेंसी एप्लीकेशन' दी गई थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इसका अर्थ है कि हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल करने की अनुमति दे दी है। अब जल्द ही याचिका दाखिल की जाएगी। नियुक्तियों में आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन न करने से पूरी नियुक्ति प्रक्रिया ही दूषित हो जाएगी और आरक्षण के लाभ से आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग वचित रह जाएगा।
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