दस महीने बाद जिलों में पहुंचे यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र, सात फरवरी को घोषित हुआ था परीक्षा का परिणाम
दस महीने बाद जिलों में पहुंचे यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र
कोरोना काल में छपाई बाधित होने के कारण हुई देरी
सात फरवरी को घोषित हुआ था परीक्षा का परिणाम
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपी- टीईटी) 2019 के प्रमाणपत्र परिणाम घोषित होने के 10 महीने बाद जिलों को भेज दिए गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 7 फरवरी को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।
नियमानुसार परिणाम घोषित होने के एक महीने में प्रमाणपत्र जिलों को भेज दिए जाने थे। लेकिन कोरोना काल में छपाई बाधित होने के कारण टीईटी के प्रमाणपत्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को नहीं भेजे जा सके थे। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि हफ्तेभर पहले ही प्रमाणपत्र जिलों को भेजे गए हैं।
कुछ डायटों में प्रमाणपत्र वितरण का काम शुरू हो चुका है जबकि प्रयागराज में कुछ समय लगेगा । डायट प्राचार्य संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि प्रमाणपत्र वितरण की सूचना समाचार पत्र के माध्यम से दी जाएगी।
गौरतलब है कि प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए पंजीकृत 1083016 अभ्यर्थियों में से 990744 शामिल हुए थे। इनमें से 294635 (29.74 प्रतिशत ) सफल थे। जबकि उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए पंजीकृत 573322 आवेदकों में से 523972 ने परीक्षा दी थी। इनमें से मात्र 60068 (11.46 प्रतिशत) उत्तीर्ण हुए हैं।
दस महीने बाद जिलों में पहुंचे यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र, सात फरवरी को घोषित हुआ था परीक्षा का परिणाम
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:49 AM
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