18,285 परिषदीय स्कूलों में विकसित की जाएंगी किचेन गार्डन, प्रत्येक विद्यालय को दिए गए पांच हजार रुपये

स्कूलों में किचन गार्डन को और विकसित करने के लिए मिलेंगे पांच हजार रुपये, छात्रों को सिखाया जाएगा पर्यावरण संरक्षण और खेती का पाठ

परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में किचन गार्डन को और विकसित करने के लिए प्रत्येक स्कूल को पांच-पांच हजार रुपये मिलेंगे। स्कूलों में सब्जियां, फूल और फल उगाए जाएंगे। विद्यार्थियों को इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में विद्यार्थी बागवानी सीखेंगे। पाठशाला का माहौल भी बेहतर होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में किचन गार्डन बनाने का निर्णय लिया है।

स्कूलों में लौकी, तरोई, करेला और भिंडी जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। फलों में केला, पपीता, अनार और अमरूद के पौधे लगाए जाएंगे। वाटिका के रखरखाव के लिए हर कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय होगी। छात्रों की मदद से ही इसे संवारा जाएगा। उन्हें बागवानी के गुर सिखाए जाएंगे। पहले लगाए पौधों के साथ-साथ अब फिर से होने जा रहा यह प्रयास परिसर को और हरा भरा बनाएगा। मिड डे मील में पौष्टिक सब्जी की मदद मिलेगी। वहीं सब्जी, फल व फूल के संबंध में बच्चों को जानकारी मिल जाएगी। 

स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर होगा सत्यापन

बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति शुरुआत से ही जिम्मेदारी का भाव पैदा हो, इसके लिए यह पहल की जा रही है। न्याय पंचायत व ब्लॉक स्तर पर अच्छी वाटिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। शिक्षक व छात्र इसके माध्यम से किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं, इसकी जानकारी दूसरे विद्यालयों को भी दी जाएगी। स्कूलों को दिए गए बजट से वाटिकाएं तैयार की गई हैं या नहीं, इसके लिए स्कूली शिक्षा निदेशालय जिलों से जानकारी भी लेगा, फिर स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर इनका सत्यापन किया जाएगा।



18,285 परिषदीय स्कूलों में विकसित की जाएंगी किचेन गार्डन, प्रत्येक विद्यालय को दिए गए पांच हजार रुपये

 लखनऊ ।  प्रदेश के 18,285 परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में वाटिकाएं (किचन गार्डन) विकसित की जाएंगी। प्रत्येक विद्यालय को इसके लिए पांच हजार रुपये की धनराशि दी गई है। वाटिका विकसित करने पर इस वर्ष कुल 9.14 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विद्यालयों में इसके माध्यम से सब्जियां, फल व फूल उगाए जाएंगे। विद्यार्थियों को इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों की देखरेख में विद्यार्थी बागवानी सीखेंगे। 


परिषदीय प्राथमिक व उच्च  प्राथमिक स्कूलों में इसके सरकार हर वर्ष वृहद पौधारोपण अभियान चलाकर प्रदेश को हरा-भरा बनाने में जुटी हुई है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में वाटिका बनाए जाने का निर्णय लिया  गया। स्कूलों में लौकी, तरोई, करेला व कडू जैसी मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। फलों में केला, पपीता, अनार और अमरूद आदि के पौधे लगाए जाएंगे। वाटिका के रखरखाव के लिए प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। छात्रों की मदद से ही इसे संवारा जाएगा। उन्हें बागवानी के गुर सिखाए जाएंगे। 

विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति शुरुआत से ही जिम्मेदारी का भाव पैदा हो, इसके लिए यह पहल की जा रही है। न्याय पंचायत व ब्लाक स्तर पर अच्छी वाटिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा। शिक्षक व छात्र इसके माध्यम से किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं, इसकी जानकारी दूसरे विद्यालयों को भी दी जाएगी। स्कूलों को दिए गए बजट से वाटिकाएं तैयार की गईं हैं या नहीं, इसके लिए स्कूली शिक्षा महानिदेशालय जिलों से जल्द जानकारी लेगा। फिर स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर इनका सत्यापन किया जाएगा।
18,285 परिषदीय स्कूलों में विकसित की जाएंगी किचेन गार्डन, प्रत्येक विद्यालय को दिए गए पांच हजार रुपये Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:56 AM Rating: 5

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