बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में
बेसिक शिक्षकों को अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं, योग्यता होने के बावजूद आगे न बढ़ पाने का रहेगा मलाल
योग्यता होने के बावजूद अब आगे न बढ़ पाने का मलाल उन गुरुजनों को होगा जो अपने ज्ञान की बदौलत विद्यार्थियों को अफसर बनने का माद्दा दे रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए अध्ययन अवकाश शासन ने बंद कर दिया है। आदेश के मुताबिक बेसिक के शिक्षकों को अब एजूकेशन लीव नहीं मिलेगी।
अब तक इसी लीव की बदौलत तमाम शिक्षक अपने मौजूदा दायित्व के निर्वहन से अधिकतम दो साल का अवैतनिक अवकाश लेकर अपनी प्रगति के लिए बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर पीसीएस व राजपत्रित अधिकारी या उच्च शिक्षा लेकर आगे कुछ बड़े पदों पर नियुक्ति पाते रहे हैं।
एक बार में 30 दिन की ही सीसीएल मिलेगी, जनगणना, आपदा, चुनाव, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी व परीक्षा की अवधि के अलावा हर हाल में सीसीएल होगी स्वीकृत
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों को अवकाश के लिए अब शिक्षाधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। छुट्टियों को लेकर की जाने वाली वसूली भी खत्म होगी। साढ़े पांच लाख शिक्षकों व कर्मियों को बड़ी राहत मिल गई है। महिला शिक्षकों व कर्मियों को बाल्य-देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव, सीसीएल) व मातृत्व अवकाश के लिए शपथ पत्र नहीं देना होगा। अब एक बार में 30 दिनों का सीसीएल मिलेगा।
शासन ने स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के छुट्टियों के सरलीकरण से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। मंगलवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अभी मातृत्व अवकाश व सीसीएल लेने पर महिला शिक्षिका व कर्मियों को शपथ पत्र देना होता था कि वे कितनी छुट्टियां ले चुकी हैं और कितनी बाकी हैं। अब पूरी व्यवस्था आनलाइन होगी। सीसीएल खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) व बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की मर्जी पर निर्भर होता था।
अब एक बार में अधिकतम 30 दिन का अवकाश अवश्य स्वीकृत करना होगा। जनगणना, आपदा, चुनाव, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी व परीक्षा की अवधि व उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों को छोड़कर अनिवार्य रूप से एक बार में 30 दिन का अवकाश देना ही होगा। पूरे सेवाकाल में छह-छह महीने का दो बार मातृत्व अवकाश व दो वर्ष का सीसीएल दिया जाता है।
उधर शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों को मेडिकल अवकाश में भी राहत दी गई है। मेडिकल अवकाश के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सकों का ही प्रमाणपत्र मान्य होता था। अब रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (आरएमपी) का प्रमाणपत्र भी मान्य होगा। शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों को ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश में शासन स्तर व राज्य स्तर के सक्षम अधिकारी के आदेश पर ही अर्जित व उपार्जित अवकाश मिलेगा। अभी तक इन्हें यह अवकाश मिल रहे थे, लेकिन सक्षम अधिकारी तय नहीं था। अभी तक प्रतिकर अवकाश भी दिया जा रहा था। अब निर्बन्धित, प्रतिकर व अध्ययन अवकाश के साथ ही प्रतिकर अवकाश नहीं मिलेगा।
छुट्टी के लिए शिक्षक व कर्मचारियों को नहीं देना होगा शपथपत्र
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षकों-कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए किसी भी प्रकार की छुट्टी के लिए शपथ पत्र देने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। वहीं महिला शिक्षकों को अधिकतम 30 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश देने का निर्णय लिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को इस व्यवस्था के अनुसार आगे की प्रक्रिया पूरी करते हुए छुट्टी स्वीकृत करने का निर्देश दिया है।
विभाग ने अवकाश की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। इसके तहत किसी भी प्रकार की छुट्टी के लिए स्टांप पेपर पर शपथपत्र नहीं देना होगा। वहीं बाल्य देखभाल अवकाश में की जाने वाली हेरफेर में रोक लगाते हुए तय किया है कि चुनाव, आपदा, जनगणना, बोर्ड ड्यूटी की अवधि या पांच दिन पूर्व की छुट्टी बीएसए- बीईओ स्तर से जांच के बाद दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में
अवकाशों की प्रक्रिया का सरलीकरण
1. किसी भी प्रकार के अवकाश प्रकरण के निस्तारण में स्टाम्प पेपर पर *lशपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
2. चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु अधिकृत चिकित्सकों में समस्त रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर भी अनुमन्य होंगे।
3. बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिये दिया जायेगा। चुनाव/आपदा/ जनगणना / बोर्ड परीक्षा ड्यूटी अथवा विद्यालयी परीक्षाओं की अवधि व उससे 5 दिवस पूर्व की तिथियों हेतु प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों को खण्ड शिक्षा अधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्यक विचारोपरान्त निस्तारित किया जायेगा।
4. बेसिक शिक्षा परिषद के पत्र दिनांक 20 फरवरी 1999 के अनुक्रम में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को ग्रीष्मावकाश / शीतावकाश में सक्षम अधिकारी (शासन स्तर/राज्य स्तर) के आदेश पर कार्य किये जाने के सापेक्ष ही अर्जित/उपार्जित अवकाश दिया जायेगा।
5. परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों को निर्बन्धित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं हैं।
कृपया उक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
8:11 PM
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