शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर कशमकश


  • प्रस्ताव खारिज होने से मानदेय बढ़ने की संभावना धूमिल
  • एक-दो माह में ई पेमेंट के जरिये दिया जाएगा मानदेय

 लखनऊ। प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर कशमकश जारी है। राज्य से शिक्षामित्रों के मानदेय में इजाफा करने के केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव पहले ही खारिज हो चुके हैं, ऐसे में मानदेय बढ़ोतरी की संभावना धूमिल हो रही है, लेकिन उन्हें थोड़ा सुकून मानदेय के ई पेमेंट से मिल सकता है। इसके लिए एक-दो महीने का इंतजार करना पड़ेगा। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पौने दो लाख शिक्षामित्र तैनात हैं। इन्हें अभी 3500 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है। शिक्षामित्रों ने मानदेय बढ़ाने के लिए धरना-प्रदर्शन का सहारा लिया। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोबिंद चौधरी ने इसके लिए केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री को पत्र भी भेजा। इसके बाद यूपी में सभी के लिए शिक्षा परियोजना के तहत तैयार वार्षिक योजना में भी शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाकर 5000 करने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के बेसिक शिक्षा विभाग ने वार्षिक योजना में न तो कोई सिविल वर्क को मंजूरी दी और न ही शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने के हक में फैसला लिया। प्रदेश में शिक्षामित्रों को दूरस्थ पण्राली से बीटीसी का प्रशिक्षण देकर परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पदों पर समायोजित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी कड़ी में सूबे के मुख्य सचिव भी जनवरी 2014 में पहले बैच के 60 हजार शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने का निर्देश जारी कर चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान मानदेय बढ़ाने को लेकर कई दिक्कतें पैदा हो सकती है। प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान की निदेशक आईएएस अमृता सोनी ने कहा है कि शिक्षामित्रों के मानदेय को 5000 करने का फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सुश्री सोनी ने कहा कि इस सत्र से शिक्षामित्रों के मानदेय को ई पेमेंट के जरिये सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत खाते खुलवाने का काम पूरा होने के बाद सत्यापन कराया जाएगा और फिर उनके खातों में धनराशि भेजी जाने लगेगी। अभी तक कई बार शिक्षामित्रों को चेक पाने के लिए दस-दस दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है। ई पेंमेंट से मानदेय का भुगतान शुरू होने के बाद अब उन्हें हेडमास्टर व प्रधानजी के रहमोकरम पर नहीं निर्भर रहना होगा। (साभार-:-राष्ट्रीय सहारा)


शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर कशमकश Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:12 PM Rating: 5

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