कब पूरी होगी शिक्षक बनने की चाहत? सरकारी नीतियां बनीं बाधक

शिक्षक भर्ती : कब क्या : 72,825 पदों पर नहीं हो पा रही है भर्ती
खबर साभार : अमर उजाला
पहले मायाराज और अब अखिलेश सरकार की नीतियां बनीं बाधक
साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी भर्ती प्रक्रिया

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लखनऊ। यूपी के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने की चाहत में बीएड वालों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। पहले माया सरकार और अब अखिलेश सरकार की नीतियां इसमें बाधक बन रही हैं। इन्हीं नीतियों के चक्कर में पिछले दो साल से परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 पदों पर भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। हाईकोर्ट ने बुधवार को दिए आदेश में कहा है कि शिक्षकों की भर्तियां टीईटी मेरिट के आधार पर की जाएंगी, जबकि अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर करने का निर्णय करते हुए आवेदन लिया था। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती में और समय लगना लाजिमी है।

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2,91,906 शिक्षकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए पहले चरण में 72,825 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय किया गया। इसके लिए बीएड वालों को पात्र माना गया। 7 सितंबर 2011 को तत्कालीन माया सरकार में निर्णय किया गया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास ही पात्र होंगे। 14 सितंबर 2011 को कैबिनेट में 72,825 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय किया गया। 8 नवंबर 2011 को यह फैसला हुआ कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर की जाएगी। 30 नवंबर 2011 को भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। वर्षों बाद शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकलने पर युवाओं ने जी खोलकर आवेदन किए। नतीजतन बेसिक शिक्षा विभाग के पास करीब 68 लाख आवेदन पहुंचे।
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भर्ती प्रक्रिया पूरी हो पाती कि इसी बीच सूबे में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई और रूटीन जांच में टीईटी में धांधली का खुलासा हुआचुनाव के बाद प्रदेश में सत्ता बदल गई। अखिलेश सरकार ने माया सरकार के भर्ती विज्ञापन को रद्द कर नए सिरे से भर्ती का मानक तय किया। इसमें टीईटी मेरिट के आधार पर शैक्षिक मेरिट को आधार बनाया गया। इस बार आवेदनों की संख्या 69 लाख के करीब पहुंच गई। अखिलेश सरकार में आवेदन लेने के बाद मेरिट भी निकाल दी गई, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर 4 फरवरी 2013 को काउंसलिंग रोक दी गई। अब बुधवार को हाईकोर्ट का आदेश आया है कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जाएगी। ऐसे में शिक्षकों की भर्ती जल्द हो पाना आसान नहीं लग रहा है।
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एनसीटीई ने वर्ष 2009 में बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाने पर रोक लगा दी थी और कहा था कि सामान्य बीटीसी कोर्स कराने वालों को ही शिक्षक बनाया जाए। बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिलने से निजी कॉलेजों का धंधा फल-फूल रहा है, लेकिन शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद एनसीटीई ने एक बार फिर बीएड वालों को प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर रखने की अनुमति दे दी। हालांकि इसके साथ यह शर्त रखी कि टीईटी पास करने वाला ही इसके लिए पात्र होगा।

उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक और दो वर्षीय बीटीसी है। विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेकर बीएड वालों को छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक बनाया जा सकता है। सूबे की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाने का खेल शुरू किया और यह सिलसिला अब तक जारी है।


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कब पूरी होगी शिक्षक बनने की चाहत? सरकारी नीतियां बनीं बाधक Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:31 AM Rating: 5

14 comments:

Unknown said...

sarkar ko ab sc main nhi jana chahiye usko hc ka man rakhate huye bharti kr leni chahiye isi mai sarkar ki bhalayi

Jai Prakash Maurya said...

इलाहाबाद हाईकोर्ट के बारे में एक बार ख्याल आता था की ये सरकार का साथ देगी. लेकिन उसने भी अभ्यर्थियों का साथ दिया. भारत के सुप्रीम कोर्ट के बारें में निश्चिन्त रहें. वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और अभ्यर्थियों के हित को, सरकार की अपेक्षा ज्यादा तवज्जो देगा. एक चलती हुई प्रक्रिया के लिए सरकार बदलते ही नीतियों में बदलाव को सुप्रीम कोर्ट कभी सही नहीं कहता.

Anonymous said...

sarkaar ki to kisi tarah se bhi bhalai nahi hai


jo is bharti me naukri paayenge wo bhi to kabhi bhi SP ko vote nahi denge


isse achchha to yahi hoga ki govt. SC chali jaaye aur bharti ko fansa de.......

Anonymous said...

Ye bharti kabhi nahi hogi ab gov. S.l.p. Karne ja rahi hai

Anonymous said...

hc ne nyay nhi kiya


Anonymous said...

hc ne nyay nhi kiya


Anonymous said...

सपा सरकार तो ये चाहती ही नहीं है क भर्ती हो क्यूंकि अगर भर्ती हो गयी तो आगे वोट बैंक कहाँ से ले कर आएगी
कही न कहीं सरकार की मंशा नौकरी देने की नहीं नौकरी का लोलीपॉप दिखने की है फिर चाहे वो सपा शासन हो या बसपा
मेरा आप सभी बंधू बांधवो से आग्रह है की यदि आप सब प्रदेश की भलाई चाहते हो तो ,प्रदेश से क्षेत्रीय दलों को उखाड़ फेंको

Unknown said...

or kaisa nyay chahiye kya bharti na ho usmai. khushch aap

KRISHNA PAL said...

Manniya HCne jo kiya bahut achha kiya...(saty mev jayte) ... Ab nakal mafia paresan hoge chhatro me mehnat kr adhik marks lane ki bhavna ka vikash hoga jo desh aur smaj dono k hit me h....

Anonymous said...

mehnat wale nahi paise wale ab banenge master!

Anonymous said...

nhi mahnat wale banege paise wale nakal aur farzi markseet le kr ghar pr rahenge.

Unknown said...

kya hoga kuch nahi hona hai

Unknown said...

kya hoga kuch nahi hona hai

ASIT KUMAR TIWARI said...

agar acc merit bahut achchhi hai to tet me kyo nhi yogyata dikhae .eska matlab nakal ya farji mark seet banavae hai kya

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