शिक्षामित्र मामले में अब तक कोई फैसला नहीं, शिक्षामित्रों को ज्यादा से ज्यादा फायदा के साथ कोर्ट आर्डर के पालन की कोशिश में सरकार

लखनऊ। समायोजित शिक्षा मित्रों द्वारा दी गई मियाद के दस दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन राज्य सरकार अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। शिक्षामित्रों ने सरकार को 15 दिन का समय दिया था कि यदि कोई फैसला नहीं हुआ तो शिक्षामित्र फिर से सड़कों पर उतर आएंगे। समायोजित शिक्षामित्रों ने 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदर्शन शुरू कर दिया था और प्राइमरी स्कूलों की पढ़ाई ठप कर दी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षामित्र दो अगस्त से स्कूलों में पढ़ाने वापस चले गए थे।



सूत्रों के मुताबिक, अभी तक मानदेय पर सरकार एकमत नहीं हो पा रही है। वित्त विभाग 10 हजार रुपये से ज्यादा मानदेय पर राजी नहीं है क्योंकि गैर समायोजित शिक्षामित्रों को इतना ही मानदेय दिया जाता है जबकि शिक्षामित्रों ने वर्तमान में पा रहे वेतन को ही मानदेय के रूप में देने की मांग की है। वहीं शिक्षामित्र 5-6 बार टीईटी में मौका देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी में केवल 2 बार मौका देने की बात कही है। इन सब बिन्दुओं पर शिक्षा विभाग न्याय विभाग की राय ले रहा है।

शिक्षामित्र मामले में अब तक कोई फैसला नहीं, शिक्षामित्रों को ज्यादा से ज्यादा फायदा के साथ कोर्ट आर्डर के पालन की कोशिश में सरकार Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 7:37 AM Rating: 5

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