बीटीसी-टीईटी उत्तीर्ण मृतक आश्रित सीधे बनेंगे शिक्षक, बेशिप की बैठक में ऐसे लोगों को लिखित परीक्षा से छूट देने का निर्णय

बीटीसी-टीईटी उत्तीर्ण मृतक आश्रित सीधे बनेंगे शिक्षक, बेशिप की बैठक में ऐसे लोगों को लिखित परीक्षा से छूट देने का निर्णय

■ बेशिप की बैठक में ऐसे लोगों को लिखित परीक्षा से छूट देने का निर्णय

■ एक परिसर में संचालित प्रा. व जू. हाई स्कूल का होगा एक हेड मास्टर, जूनियर हाईस्कूल का हेडमास्टर होगा कंट्रोलर

■ अब बच्चे- टीचर तय करेंगे स्कूल का रंग, लेकिन हरी और लाल पट्टी होगी भवनों में जरूरी

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में सेवाकाल के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रित यदि बीटीसी और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण हैं तो उन्हें लिखित भर्ती परीक्षा से छूट देते हुए सीधे शिक्षक की नौकरी दी जाएगी।

सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद की बैठक में यह अहम फैसला हुआ। बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में हुई इस बैठक में हुए इस निर्णय के पीछे तर्क यह दिया गया कि बीटीसी और टीईटी उत्तीर्ण होना शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता है जबकि लिखित परीक्षा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा है। परिषद के इस फैसले पर अंतिम निर्णय शासन लेगा।

बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि एक ही परिसर में परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल संचालित हैं और कुल छात्र संख्या कम है तो दोनों विद्यालयों का एक ही प्रधानाध्यापक होगा। यह जिम्मेदारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपी जाएगी। हालांकि इसके चलते रिक्त हुए प्रधानाध्यापक के पद समाप्त नहीं किये जाएंगे।



बच्चे-शिक्षक तय करेंगे स्कूल का रंग


 बेसिक शिक्षा परिषद की सोमवार को हुई बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि अब परिषदीय स्कूलों के भवनों का रंग उस स्कूल के बच्चे, शिक्षक और प्रधानाध्यापक मिलकर तय करेंगे। हालांकि स्कूलों की पहचान के लिए प्राथमिक विद्यालयों के भवनों पर हरे और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लाल रंग की पट्टी अनिवार्य होगी। 

बीटीसी-टीईटी उत्तीर्ण मृतक आश्रित सीधे बनेंगे शिक्षक, बेशिप की बैठक में ऐसे लोगों को लिखित परीक्षा से छूट देने का निर्णय Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:51 AM Rating: 5

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