हाई कोर्ट ने कहा- शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दिया जाए भूल सुधारने का मौका

 
निर्देश को न समझने वाला, ओएमआर शीट में गलती करने वाला अध्यापक बनने योग्य नहीं - हाईकोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा- शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दिया जाए भूल सुधारने का मौका


प्रयागराज | 20 Jun 2020

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा में ओएमआर शीट में गलती करने वाले अभ्यर्थी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि जो अभ्यर्थी ओएमआर शीट के निर्देशों को नहीं समझ सकता, वह सहायक अध्यापक बनने योग्य नहीं है। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा में सफल उन अभ्यर्थियों को राहत दी है, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन में गलती की थी। कोर्ट ने परीक्षा में सफल न होने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को राहत देने से इनकार कर दिया।


यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने अमर बहादुर व 25 अन्य तथा तीन अन्य याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करते हुए दिया। एक अभ्यर्थी ने सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में ओएमआर शीट पर उत्तर भरते समय कुछ उत्तरों को काला किया जबकि कुछ में टिक का चिह्न लगा दिया। उसने अपनी उत्तर पुस्तिका फिर से जांचने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि ओएमआर शीट पर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उत्तर के सामने बने गोले को काला करना है। लेकिन याची निर्देशों को समझने में नाकाम रहा। ऐसा अभ्यर्थी सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं है जो निर्देशों को न समझ सके।


सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल अमर बहादुर व 25 अन्य का कहना था कि ऑनलाइन आवेदन करते समय उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं में प्राप्त अंक भरने में गलती कर दी है। कुछ ने अधिक अंक भरे जबकि कुछ ने प्राप्तांक से कम भरे। दो अभ्यर्थी शिक्षामित्र वाला कॉलम भरना भूल गए, जिससे उन्हें 25 अंक का वेटेज नहीं मिला। कोर्ट ने सभी की याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा कि याची चयन समिति के समक्ष प्रत्यावेदन दें और चयन समिति उस पर विचार कर नियमानुसार निर्णय ले।

हाई कोर्ट ने कहा- शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दिया जाए भूल सुधारने का मौका


69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहत दी है जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन भरने में गलती कर दी थी।...


प्रयागराज। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल ऐसे अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहत दी है, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन भरने में गलती कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के समय अर्जी देने पर मानवीय भूल सुधारने का मौका दिया जाए। जबकि कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को राहत देने से इन्कार कर दिया है, जो कि परीक्षा में असफल हुए हैं और ऑनलाइन आवेदन करने में गलती की थी। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने अमर बहादुर व 25 अन्य की याचिका पर दिया है।


वहीं, जो याची सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल हैं, उनका कहना था कि ऑनलाइन आवेदन करते समय उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं में प्राप्त अंक भरने में गलती की थी। कुछ ने अधिक अंक भरे, जबकि कुछ ने प्राप्तांक से कम अंक भर दिए थे। इसी प्रकार दो शिक्षामित्र ऐसे हैं, जो कि शिक्षामित्र वाला कॉलम भरना भूल गए थे। इससे उन्हें 25 अंक का वेटेज नहीं मिल सका। कोर्ट ने सभी की याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा है कि याचीगण चयन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रत्यावेदन दें और चयन समिति उस पर विचार कर नियमानुसार निर्णय लें।


कोर्ट ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी, जो कि लिखित परीक्षा में असफल थे, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन में की गई त्रुटि को सुधारने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अभ्यॢथयों को त्रुटि सुधार की अनुमति देने का अर्थ है कि परीक्षा परिणाम प्रभावित होगा, जो कि जारी हो चुका है। एक अभ्यर्थी ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी परीक्षा की ओएमआर शीट पर उसने कुछ उत्तरों को काला किया है। जबकि कुछ में टिक का चिह्न लगा दिया, उसने अपनी उत्तर पुस्तिका फिर से जांचने की मांग की थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ओएमआर शीट पर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उत्तर के सामने बने गोले को काला करना है। लेकिन, याची निर्देशों को समझने में नाकाम रही। ऐसा अभ्यर्थी सहायक अध्यापक बनने के योग्य नहीं हैं, जो कि निर्देशों को ना समझ सके।
हाई कोर्ट ने कहा- शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दिया जाए भूल सुधारने का मौका Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:31 AM Rating: 5

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