वर्ष 2024-25 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय/ उच्च प्राथमिक विद्यालय/ कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु बजट-निर्देश के सम्बन्ध में

परिषदीय स्कूलों में टैबलेट के लिए सिम व डॉटा अब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों को मुहैया कराया जाएगा


परिषदीय स्कूलों में टैबलेट के लिए सिम व डॉटा अब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों को मुहैया कराया जाएगा। विभाग विद्यालयों को मिलने वाले कंपोजिट ग्रांट से सिम व डॉटा खरीदेगा। कंपोजिट ग्रांट की बाकी रकम विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में भेजी जाएगी।

 बेसिक शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में डिजीटल काम-काज को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके लिए हर विद्यालय को टैबलेट उपलब्ध कराया गया है। स्कूलों में सारे काम ऑनलाइन होने हैं। शिक्षकों की उपस्थिति भी दर्ज होनी है। हालांकि, शिक्षकों ने इसका विरोध किया था कि वे अपनी आईडी से सिम नहीं खरीदेंगे क्योंकि यह सरकारी सम्पत्ति होगी।


सरकारी स्कूलों में टैबलेट संचालन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग करेगा व्यवस्था,  कंपोजिट ग्रांट से सिम और डाटा खरीद कर शेष राशि भेजी जाएगी स्कूल

» अभी तक शिक्षकों को कंपोजिट ग्रांट से सीधे सिम व डाटा खरीदने की दी गई थी अनुमति


लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित प्राथमिक - और जूनियर विद्यालयों में टैबलेट के संचालन को लेकर अब कोई बहना नहीं चलेगा। प्रत्येक विद्यालय में दिए गये टैबलेट के लिए सिम और डाटा विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग विद्यालयों की दी जाने वाली कंपोजिट ग्रांट से सिम और डाटा स्वयं खरीदेगा। बाकी ग्रांट की बची हुई धनराशि को विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में भेजा जायेगी।

इस बारे में शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। दरअसल, प्रत्येक विद्यालय में दो टैबलेट का वितरण पिछले साल ही किया गया था। इसके माध्यम से सभी ऑनलाइन कार्य और शिक्षकों की उपस्थिति भी दर्ज होनी थी। लेकिन शिक्षकों का विरोध इस बात को लेकर था कि जब तक विभाग सिम और डाटा नहीं उपलब्ध करायेगा तब तक वह टैबलेट का संचालन नहीं करेंगे। 

तो विभाग की ओर से ये अनुमति दी गई कि कंपोजिट ग्रांट से सिम और डाटा खरीद लिया जाए। लेकिन उसके बाद भी शिक्षकों ने कहा कि हम सिम लेने के लिए अपनी आईडी का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसको देखते हुए विभाग ने अब नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। विभाग की मंशा है कि नये शैक्षिक सत्र 2024-25 में टैबलेट का इस्तेमाल पूरी तरह से शुरू हो जाए।


10 प्रतिशत राशि स्वच्छता अभियान के लिए 
कम्पोजिट स्कूल ग्रांट से 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता अभियान व कार्यक्रम पर खर्च करनी होगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि विद्यालय में आवश्यकतानुसार स्वच्छता सामग्री यथा टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैंडवॉश, सैनिटाइजर उपलब्ध कराना होगा।



इस बार पांच वर्गों में ग्रांट को दी गई स्वीकृति
समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना व बजट 2024-25 के क्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्रदेश भर के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों को नामांकन के आधार पर पांच श्रेणी में कम्पोजिट स्कूल ग्रांट की स्वीकृति दी गयी है। विभाग का दावा है कि ये ग्रांट जल्द ही मिलनी शुरू हो जायेगी।


कई जगह नहीं खुली टैबलेट की सील
शिक्षको ने टैबलेट का विरोध करने के जो तीन कारण बहुत से विद्यालयों में टैबलेट अभी बताये उसके चलते बहुत र भी डिब्बे में ही बंद है और जहां भी टैबलेट का संचालन शुरू हुआ, वहां शिक्षक अपनी उपस्थित दर्ज नहीं करते है, सिर्फ बच्चों की उपस्थित दर्ज करते हैं। बाकी स्कूल से जुड़े अन्य ऑनलाइन काम करते हैं। ऐसे में विभाग ने अब टैबलेट संचालन में शिक्षकों की जितनी भी समस्याएं थी उनको समाप्त करने का निर्णय लिया है।


अभी भी उपस्थित बनी है चुनौती
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी बताते हैं कि अभी भी शिक्षकों की समय से उपस्थिति चुनौती बन रही है। कई बार कार्रवाई होने के बाद भी जब सुधार नहीं हो रहा है तो विभाग के इस निर्णय से अब टैबलेट का संचालन करना आसान होगा।


वर्ष 2024-25 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय/ उच्च प्राथमिक विद्यालय/ कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु बजट-निर्देश के सम्बन्ध में



वर्ष 2024-25 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय/ उच्च प्राथमिक विद्यालय/ कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु बजट-निर्देश के सम्बन्ध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:04 PM Rating: 5

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