हाईस्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालय, पहले चरण में करीब 28 हजार ग्राम पंचायतों के स्कूल फाइबर नेटवर्क से होंगे लैस

हाईस्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालय, पहले चरण में करीब 28 हजार ग्राम पंचायतों के स्कूल फाइबर नेटवर्क से होंगे लैस


अब डिजिटल लर्निंग में बाधा नहीं बनेगी इंटरनेट स्पीड, ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ेंगे यूपी के प्राइमरी स्कूल

 
प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालय भी ऑप्टिकल फाइबर के जरिये हाईस्पीड ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ सकेंगे। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने की कोशिशों के बीच तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस होकर परिषदीय विद्यालय भी निजी क्षेत्र के स्कूलों से इस मामले में होड़ ले सकेंगे। इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण दीक्षा एप, शैक्षिक वेबसाइट और यू-ट्यूब पर क्लिक करने के बाद स्क्रीन पर देर तक गोले घूमने (बफरिंग) के ऊबाऊ अहसास से निजात मिलेगी और परिषदीय स्कूलों के बच्चे इंटरनेट के जरिये सही मायने में स्ट्रीमिंग वीडियो का लुत्फ ले सकेंगे।


पहले चरण में प्रदेश की 27,944 ग्राम पंचायतों के परिषदीय स्कूलों को फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध किया जा चुका है कि भारत नेट (फाइबर टू द होम) प्रोजेक्ट के पहले चरण में चयनित इन 27,944 ग्राम पंचायतों के परिषदीय स्कूलों को अविलंब फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाए। बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों के वर्चस्व के बीच बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों को भी डिजिटल तकनीक से जोड़ने की कोशिश में जुटा है। इनोवेटिव लर्निंग और विद्यालयों के प्रबंधन में आइटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए विभाग जहां प्रत्येक स्कूल को टैबलेट मुहैया कराने जा रहा है, वहीं उसने सामुदायिक सहभागिता के जरिये भी स्कूलों में डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं।


फाइबर नेटवर्क योजना को अमली जामा पहना रहे सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ भी बेसिक शिक्षा विभाग की राज्य स्तर पर बैठक हो चुकी है। सीएससी ने इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से सहयोग की अपेक्षा की है। इसी क्रम में स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर सीएससी के नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित करके इस काम के लिए उन्हें वांछित सहयोग दें।


बिजली की कनेक्टिविटी और बैकअप की व्यवस्था : सभी बीएसए से कहा गया है कि सीएससी प्रतिनिधियों के विद्यालय परिसर तक पहुंचने और सर्वे कार्य कराने के लिए समय से स्कूल खुलवाएं जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालय परिसर में बिजली की कनेक्टिविटी और बैकअप की उचित व्यवस्था हो। इंटरनेट उपकरणों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में माकूल इंतजाम किये जाएं। ग्राहक आवेदन पंजीकरण के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक की ओर से पहचान पत्र मुहैया कराया जाए। संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के नाम और फोन नंबर सीएससी के अधिकारियों को सुलभ संदर्भ के लिए उपलब्ध कराये जाएं।


स्कूलों को फाइबर नेट से जोड़ने की योजना : केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भारत नेट (फाइबर टू द होम ) प्रोजेक्ट के तहत देश की सभी ग्राम पंचायतों और उनके दायरे में आने वाले स्कूलों को फाइबर नेट से जोड़ने की योजना है। केंद्र सरकार ने योजना को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी सीएससी को सौंपी है।
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