शिक्षा क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव का साल 2020: 34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई, MHRD बना शिक्षा मंत्रालय, जाने और क्या हुआ इस साल


शिक्षा क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव का साल 2020: 34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई, MHRD बना शिक्षा मंत्रालय


यह साल शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव वाला रहा है। 2020 में जहां एक ओर संक्रामक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में शिक्षण संस्थान लंबे समय तक बंद रहे। वहीं, ऑनलाइन लर्निंग के तौर-तरीकों का प्रचलन भी अभूतपूर्व बढ़ा है। देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की अहम घोषणा की गई। इसका इंतजार देश में लंबे समय से हो रहा था।  


साथ ही सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) कर दिया। 2020 में सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई और अहम फैसले लिए। देश में जेईई मेन परीक्षा का पैटर्न भी बदला गया। यह परीक्षा साल में चार बार होगी। 29 जुलाई, 2020 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को स्वीकृति दी गई और 34 साल पुरानी यानी कि 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया गया।  


नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उच्च शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा के लिए अलग-अलग नियामक आयोगों का एकीकृत किया गया। इसके तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) जैसी स्वायत्त संस्थाओं की जगह उच्च शिक्षा आयोग का गठन करना भी शामिल हैं। 


हालांकि, उच्च शिक्षा क्षेत्र में एकल नियामकीय प्रणाली (सिंगल रेगुलेटर) से अभी लॉ और मेडिकल एजुकेशन को बाहर रखा गया है। वहीं, 2035 तक उच्च-व्यावसायिक शिक्षा में पंजीकरण 50 फीसदी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। आप यह आलेख प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। साथ ही नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा में सुधार का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने, पाठ्यक्रम का बोझ कम करने पर जोर दिया गया।  


स्कूली पढ़ाई में बड़ा बदलाव करते हुए पाठयक्रम संरचना के 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 की नई संरचना लागू करने की बात कही गई, जो क्रमशः तीन से आठ वर्ष, आठ से ग्यारह, 11 से 14 और 14 से 18 वर्ष उम्र के युवाओं के लिए होगी। इन फैसलों को शिक्षा में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, जो परीक्षा पैटर्न से लेकर सीखने और पढ़ने के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन के गवाह बनेंगे। 


नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को कौशल या व्यावहारिक जानकारियां देने और 5वीं कक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। साथ ही त्रिभाषा फॉमूले को अपनाया गया है। इसके अलावा तीन साल तक आंगनबाड़ी/प्री स्कूलिंग के साथ 5+3+3+4 पैटर्न आधारित 12 साल की स्कूली शिक्षा का प्रावधान है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप की गई सिफारिशों में कक्षा एक से 10वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।


नई शिक्षा नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू होगा। अभी तक की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरिंग पढ़ने या छह सेमेस्टर के बाद आगे नहीं पढ़ पा रहे हैं तो इस नई प्रक्रिया के तहत एक साल सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी। छात्र हित में यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। 


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन ने इसके बारे में कहा था कि भारत की नई शिक्षा नीति (National Education Policy) का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करना है कि वह प्रत्येक नागरिक के जीवन को छुए और न्यायपूर्ण तथा समानता भरे समाज की स्थापना करे। इसका लक्ष्य भारत के नैतिक मूल्यों के जड़ों से जुड़े रहते हुए 21वीं सदी की आकांक्षाओं के अनुरुप नई प्रणाली विकसित करना है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP) के बारे में कहा कि इस नीति का लक्ष्य छात्रों पर से बस्ते का बोझ कम करके उनके जीवन में काम आने वाली चीजों को सीखने के लिए प्रेरित करना है। इसका एक बड़ा लक्ष्य सभी तक शिक्षा को पहुंचाना है। उनका कहना था कि अभी तक एजुकेशन सिस्टम वॉट टू थिंक पर आधारित थी, अब नई व्यवस्था में हाउ टू थिंक पर जोर दिया गया है। 


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक नीतिगत दस्तावेज नहीं है, बल्कि भारत के शिक्षार्थियों एवं नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है और यह 21वीं सदी की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को आगे ले जाने में सक्षम होगी। वहीं, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को दुनिया में ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना बताया था। उन्होंने कहा था कि इसमें शिक्षा के क्षेत्र में उसे फिर से विश्वगुरू बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है। 
शिक्षा क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव का साल 2020: 34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई, MHRD बना शिक्षा मंत्रालय, जाने और क्या हुआ इस साल Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 8:13 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.