विरोधाभास : बेसिक शिक्षकों के सवा लाख पद खाली लेकिन सरकार बता रही पर्याप्त

विरोधाभास : बेसिक शिक्षकों के सवा लाख पद खाली लेकिन सरकार बता रही पर्याप्त

मंत्री जी ने कहा था-पूरा है छात्र-शिक्षक अनुपात, PAB ने दी थी खाली पदों की रिपोर्ट 

•चार साल से नहीं आई प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती


बेसिक शिक्षा परिषद के 1.50 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के सवा लाख से अधिक पद खाली है, लेकिन सरकार का कहना है कि शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान की कार्ययोजना और बजट के लिए शिक्षा मंत्रालय में आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक के आंकड़े और बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से विधानसभा में दिए जवाब में ये विरोधाभासी बात सामने आई है।



विधायक डॉ. मुकेश वर्मा के सवाल पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मई अंत में विधानसभा में दिए जवाब में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 3,32,734 नियमित शिक्षकों के साथ 1,47,766 शिक्षामित्रों को भी शिक्षक माना था। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1,20,860 नियमित शिक्षकों के साथ 27,555 अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षक माना था।


 इस प्रकार मंत्री ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) मानकों के अनुरूप बताया था, जबकि 22 जून को जारी 2022 23 सत्र की पीएबी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के 126028 पद खाली हैं।


पीएबी की रिपोर्ट में शिक्षकों के रिक्त पदों का तथ्य सामने आने के बाद बेरोजगार फिर से नई शिक्षक भर्ती मांग करने लगे हैं।


विरोधाभास : बेसिक शिक्षकों के सवा लाख पद खाली लेकिन सरकार बता रही पर्याप्त Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:26 AM Rating: 5

1 comment:

रेणु said...

सरकार ने तो शिक्षामित्रो और अनुदेशक को गईं लिया पर स्थानातंरण और समायोजन के समय नही गिनेगी। अजीब नीतियां हैं इस सरकार की

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