आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1.85 लाख से अधिक बच्चों को सीटें आवंटित करने के सापेक्ष RTE में 1.26 लाख बच्चों को मिला प्रवेश

आरटीई में लापरवाही पर नोटिस जारी,  मेरठ सबसे पीछे, बस्ती सबसे आगे, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आवंटित सीटों में 68% ही भर सकीं

प्रदेश में एक लाख 85 हजार सीटें आवंटित, एक लाख 26 हजार बच्चों को मिला प्रवेश

श्रावस्ती और हरदोई का प्रदर्शन बेहतर, 91 प्रतिशत से अधिक बच्चों को मिला दाखिला


लखनऊप्रदेश में गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार दिलाने वाली आरटीई की रफ्तार कई जिलों में सुस्त है। प्रदेश में अब तक कुल एक लाख 26 हजार 181 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिल पाया है, जबकि कुल एक लाख 85 675 सीटें थीं। हैं। समग्र शिक्षा निदेशालय की ओर से लगातार चेतावनियों और निर्देशों के बावजूद कई जिलों में आरटीई के तहत दाखिले 60% से भी कम हैं।

प्रदेश में मेरठ की स्थिति सबसे खराब है, जहां सिर्फ 37 प्रतिशत बच्चों को ही दाखिला मिला है। यहां 4501 सीटों के मुकाबले सिर्फ 1670 बच्चों का चयन हुआ। अन्य जिलों में कानपुर नगर में 48%, गाजियाबाद में 50%, चंदौली में 54%, गौतमबुद्धनगर में 55%, गाजीपुर और आजमगढ़ में 58%, सोनभद्र, कन्नौज, जालौन में 59% सीटों पर प्रवेश हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर कुछ जिलों में प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा है। 

बस्ती, ललितपुर, फिरोजाबाद, बलरामपुर, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और हरदोई में 91 प्रतिशत से अधिक बच्चों को दाखिला मिल चुका है। अब कम प्रवेश वाले जिलों को नोटिस दिए गए हैं। कम प्रवेश के पीछे यह भी कारण बताया जा रहा है कि कई अभिभावकों को पसंद का स्कूल नहीं मिला, इसलिए उन्होंने बच्चों को दाखिला नहीं दिलाया। 

कुछ निजी स्कूलों ने भी बच्चों के दाखिले से मना कर दिया। समग्र शिक्षा के उप निदेशक डा. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि कम दाखिले वाले जिलों पर सख्ती बढ़ाई गई है। जिलों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे आरटीई दाखिलों में तेजी लाएं।



आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1.85 लाख से अधिक बच्चों को सीटें आवंटित करने के सापेक्ष RTE में 1.26 लाख बच्चों को मिला प्रवेश


लखनऊ। प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत अब तक 1.26 लाख बच्चों का निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया है। नए सत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1.85 लाख से अधिक बच्चों को सीटें आवंटित की गई हैं। बचे हुए बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए जिलों में डीएम की ओर से सख्ती की जा रही है।


नए सत्र के लिए इस बार चार चरणों में ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसमें 334953 आवेदन मिले और 252269 स्वीकृत हुए थे। इनमें से 185675 बच्चों को विद्यालय आवंटित हुए हैं।


 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि यह केवल नामांकन का आंकड़ा नहीं है, बल्कि गरीब परिवारों की उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हम शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक न्याय की नींव को और मजबूत कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा, चाहे उसका सामाजिक या आर्थिक आधार कुछ भी हो, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार प्राप्त करे।


शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 10 जिले :

आरटीई में प्रवेश के मामले में कई जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके अनुसार बस्ती में 94 फीसदी, ललितपुर व फिरोजाबाद में 93 फीसदी, बलरामपुर व प्रतापगढ़ में 92 फीसदी, श्रावस्ती व हरदोई में 91 फीसदी और एटा, देवरिया व जौनपुर में 88 फीसदी प्रवेश हुए हैं। 
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1.85 लाख से अधिक बच्चों को सीटें आवंटित करने के सापेक्ष RTE में 1.26 लाख बच्चों को मिला प्रवेश Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 4:15 AM Rating: 5

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