अब निजी एजेंसियां करेंगी सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग
- अब निजी एजेंसियां करेंगी सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग
- परिषदीय स्कूलों में अच्छी शिक्षा की नई पहल
लखनऊ।
परिषदीय स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में पढ़ाई का आकलन
कराने के लिए अब निजी एजेंसियों का सहारा लिया जाएगा। ये एजेंसियां साल में
कम से कम तीन बार इन स्कूलों का सर्वे करेंगी और अपनी रिपोर्ट सर्व शिक्षा
अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय को देंगी। इसका मकसद स्कूलों में पढ़ाई
का स्तर सुधारना है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बुधवार को इस
संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय में अधिकारियों
के साथ बैठक की।
सचिव ने अधिकारियों को
निर्देश दिया कि नए शिक्षण सत्र से सारा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर होना
चाहिए। शिक्षक स्कूल आते हैं या नहीं, आते हैं तो कितने घंटे बच्चों को
पढ़ाते हैं, उनकी पढ़ाई से बच्चों को कितना फायदा हो रहा है और बच्चों को
कितना ज्ञान है। इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को दी जाने
वाली सुविधाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। किस स्कूल में कितनी सुविधाएं
हैं। इन सब बातों का वास्तविक आकलन निजी एजेंसियां ही कर सकती हैं। भारत
सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत इसका बजट भी देेने पर सहमति जता दी है।
इसलिए इसके आधार पर ग्रेडिंग कराई जाए और अच्छे स्कूलों को पुरस्कृत किया
जाए।
परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील योजना
में बच्चों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता परखने के लिए भी यही
प्रक्रिया अपनाई जाएगी। निजी एजेंसियां यह पता लगाएंगी कि मेन्यू के तहत
खाना दिया जा रहा है या नहीं। इसी तरह परिषदीय स्कूलों में मुफ्त बंटने
वाले यूनिफार्म की गुणवत्ता और वितरण की स्थिति का भी पता लगाया जाएगा।
खबर साभार : अमर उजाला
अब निजी एजेंसियां करेंगी सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:39 AM
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