बीटीसी प्रशिक्षण को प्रयोगात्मक परीक्षा पर केंद्रित करने का निर्णय
- प्रयोगात्मक परीक्षा पर केंद्रित होगा बीटीसी प्रशिक्षण
- एससीईआरटी बीटीसी प्रशिक्षण के लिए लेगा स्वयंसेवी संस्था की मदद
- इलाहाबाद सहित प्रदेश के पांच डायट में प्रशिक्षण की नई व्यवस्था
प्रदेश के जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में चल रहे बीटीसी प्रशिक्षण
को प्रयोगात्मक परीक्षा पर केंद्रित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रशिक्षण में सैद्धांतिक परीक्षा के अंकों का महत्व कम किया जाएगा। इस
दौरान बच्चों को पढ़ाने के सरल तरीके बताए जाएंगे। बीटीसी प्रशिक्षुओं को
जानकारी देने की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्था को दी गई है। हुमाना
स्वयंसेवी संस्था का एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद) से टाईअप
हुआ है। इसके लिए प्रदेश के पांच जिलों वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, मेरठ के
साथ इलाहाबाद चुना गया है।
डायट प्राचार्य
विनोद कृष्ण ने बताया कि बीटीसी पाठ्यक्रम एससीईआरटी का ही होगा।
प्रशिक्षुओं को पढ़ाने का दायित्व प्रवक्ताओं के साथ हुमाना के एक्सपर्ट
निभाएंगे। तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत शुरुआत हो चुकी है। हुमाना के
एक्सपर्ट नेमीचंद ने बताया कि दो साल के प्रशिक्षण के दौरान थ्योरी के बजाय
प्रयोगात्मक शिक्षा को तवज्जो को दी जाएगी। बच्चों को पढ़ाने के रोचक
तरीकों के साथ प्रशिक्षुओं को बताया जाएगा कि स्कूल में शिक्षक होने के साथ
डॉक्टर और मैनेजर के रूप में स्कूल की व्यवस्था को बेहतर तरीके से किस तरह
से संभालना होगा।
खबर साभार : अमर उजाला
बीटीसी प्रशिक्षण को प्रयोगात्मक परीक्षा पर केंद्रित करने का निर्णय
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
4:16 AM
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