मनमाने तरीके से बढ़ा दिया जिला समन्वयकों का कार्यकाल

  • दर्जनों ऐसे भी जो दस साल से हैं प्रतिनियुक्ति पर तैनात
  • राज्य परियोजना निदेशालय भी अछूता नहीं

लखनऊ। सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत जनपदीय कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर तैनात जिला समन्वयकों का कार्यकाल मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया है। जबकि नियमानुसार तीन साल तक व्यक्ति प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर सकता है। उसके बाद दो साल और बढ़ाने के लिए भी मुख्य सचिव की अनुमति के बाद ही कार्यकाल बढ़ाए जाने का नियम है। बावजूद इसके प्रदेश में 130 जिला समन्वयकों का कार्यकाल 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दिया गया। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक हरेंद्र वीर सिंह ने आदेश भी जारी कर दिया।

दरअसल, जनपदीय कार्यालय में अस्थायी रूप से जिला समन्वयकों के पद सृजित हैं। इन पर प्रतिनियुक्ति पर जिला समन्वयकों की तैनाती किए जाने का नियम है। इनमें जिला समन्वयक प्रशिक्षण, बालिका शिक्षा, सामुदायिक सहभागिता तथा विशेष प्रशिक्षण शामिल हैं। इसके लिए अधिकतम पांच साल की अवधि निर्धारित है। इसमें भी दो साल मुख्य सचिव की अनुमति से ही बढ़ाए जा सकते हैं। लेकिन राज्य परियोजना कार्यालय में इस नियम के बिना ही जिला समन्वयकों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया। विभागीय सूत्रों की मानें तो 130 जिला समन्वयकों की सूची में दर्जनों ऐसे हैं जो दस-दस साल से उसी पद पर तैनात हैं। लेकिन अफसरों के काफी करीबी होने की वजह से उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया। जबकि पांच साल से ऊपर कार्यकाल पूरा होने के बाद उसे बढ़ाने की व्यवस्था नहीं है।

मनमाने तरीके से बढ़ाए गए जिला समन्वयकों का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद विवादों से घिरा राज्य परियोजना कार्यालय भी इससे अछूता नहीं है। इस कार्यालय में भी कई ऐसे विशेषज्ञ या प्रशासनिक पद पर तैनात अधिकारी हैं जिनका प्रतिनियुक्ति का पांच साल पूरा कर चुके हैं। लेकिन अपने मूल विभाग जाने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि उच्च स्तर पर सेटिंग के चलते इनका कार्यकाल हर साल बढ़ा दिया जाता है।


खबर साभार :  डेली न्यूज एक्टिविस्ट


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मनमाने तरीके से बढ़ा दिया जिला समन्वयकों का कार्यकाल Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:50 AM Rating: 5

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