प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : बढ़ती जा रहीं दुश्वारियां : काउंसिलिंग के दौरान कई मुद्दे करेंगे परेशान
प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का दो चरण पूरा हो चुका है और तीसरे चरण की काउंसिलिंग का एलान भी हो चुका है। इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया में आ रही ‘कठिनाइयां’ कम नहीं हो रही हैं, बल्कि निरंतर बढ़ती जा रही हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय में ऐसी शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। यह हाल तब है जब कठिनाई निवारण की राज्य स्तरीय समिति पहले चरण की शिकायतों का निपटारा कर चुकी है और दूसरे चरण पर मंथन चल रहा है।
लगभग तीन साल के अंतराल के बाद प्रदेश सरकार प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 शिक्षकों की भर्ती करा रही है। लंबी जद्दोजहद के बाद किसी तरह काउंसिलिंग की प्रक्रिया तो शुरू हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग की परेशानियां कम नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि काउंसिलिंग कराने वाले युवाओं के पास अभिलेख अलग-अलग प्रकार के हैं। उन्हें मंजूरी दी जाए या नहीं इस पर स्पष्ट दिशा निर्देश न होने से युवाओं को लौटाया भी गया है। यही नहीं राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ ने पहले चरण के मामलों की सूची बनाकर उन्हें राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा।
समिति के अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने उसका निराकरण किया जिसे एससीईआरटी ने सभी डायटों को भेज दिया। ऐसे ही दूसरे चरण के बारह मामलों को एससीईआरटी ने राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा है, उन पर अभी विचार होना है। इसी बीच तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने का आदेश हुआ है। इसके पहले ही टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के अभ्यर्थियों ने तमाम नए मामले उठा दिए हैं। अभी इनका जवाब आना शेष है। तय है कि काउंसिलिंग के दौरान ये मुद्दे परेशान करेंगे।
लगभग तीन साल के अंतराल के बाद प्रदेश सरकार प्राथमिक स्कूलों के लिए 72825 शिक्षकों की भर्ती करा रही है। लंबी जद्दोजहद के बाद किसी तरह काउंसिलिंग की प्रक्रिया तो शुरू हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग की परेशानियां कम नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि काउंसिलिंग कराने वाले युवाओं के पास अभिलेख अलग-अलग प्रकार के हैं। उन्हें मंजूरी दी जाए या नहीं इस पर स्पष्ट दिशा निर्देश न होने से युवाओं को लौटाया भी गया है। यही नहीं राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ ने पहले चरण के मामलों की सूची बनाकर उन्हें राज्य स्तरीय कठिनाई निवारण समिति के पास भेजा।
समिति के अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने उसका निराकरण किया जिसे एससीईआरटी ने सभी डायटों को भेज दिया। ऐसे ही दूसरे चरण के बारह मामलों को एससीईआरटी ने राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा है, उन पर अभी विचार होना है। इसी बीच तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने का आदेश हुआ है। इसके पहले ही टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के अभ्यर्थियों ने तमाम नए मामले उठा दिए हैं। अभी इनका जवाब आना शेष है। तय है कि काउंसिलिंग के दौरान ये मुद्दे परेशान करेंगे।
- शैक्षिक सत्रों में बीएड करने वाले अभ्यर्थियों 2007-08 व 2010-11 को अनारक्षित वर्ग 50 फीसदी, स्नातक अंक तथा आरक्षण/विशेष आरक्षण 45 फीसदी स्नातक में कम अंक पाने वाले बाहर हों।
- 27 सितंबर 2011 के शासनादेश में एक वर्षीय बीएड की बात की गई है, जबकि इग्नू राजर्षि टंडन दो वर्षीय डिग्रीधारक का प्रावधान नहीं है।
- यूपी टीईटी 2011 की अंतिम संशोधित सीडी आनलाइन की जाए।
- 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की काउंसिलिंग वाइज रैंक सामान्य एवं कैटेगरी दोनों में जारी हो।
- अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की मदर सूची आनलाइन की जाए।
- प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के भर्ती विज्ञापन की अंतिम तिथि 9 जनवरी 2012 होने के कारण जिन अभ्यर्थियों की बीएड की मार्कशीट में 9 जनवरी 2012 के बाद की तिथि अंकित है उन्हें बाहर किया जाए।
खबर साभार : दैनिक जागरण
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती : बढ़ती जा रहीं दुश्वारियां : काउंसिलिंग के दौरान कई मुद्दे करेंगे परेशान
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:23 AM
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