इनोवेशन की होगी ऑनलाइन निगरानी, इंस्पायर अवार्ड के बदले गए मानक, विज्ञान में नवाचार के लिए बदले गए नियम, पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रोजेक्ट का होगा ऑनलाइन नामांकन
लखनऊ: कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थियों में विज्ञान में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए इंस्पायर अवार्ड योजना में कुछ तब्दीली की गई है। विज्ञान प्रोजेक्ट की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए छात्रों को अपने प्रोजेक्ट के बारे में संक्षेप में नामांकन के लिए बने ऑनलाइन पोर्टल पर सूचना देनी होगी। वहीं इंस्पायर अवार्ड का नाम बदलकर अब इंस्पायर अवार्ड मानक प्रदर्शनी कर दिया गया है।
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की ओर से स्कूलों में विज्ञान में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कक्षा छह से 10 तक के बच्चों को इंस्पायर अवार्ड योजना शुरू की गई। अभी तक इस योजना में छात्रों द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट को विद्यालय द्वारा बिना किसी मूल्यांकन के जिला स्तर पर भेज दिया जाता था। इससे जनपद एवं राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट और मॉडल की पुनरावृत्ति होने लगती थी। जिसकी वजह से यह योजना अपने मूल उद्देश्यों से भटक रही थी। इसलिए योजना के नियमों में बदलाव किया गया है। अब हर विद्यालय से चयनित दो से तीन प्रोजेक्ट को जिला एवं राज्य के माध्यम से ई-एमआइएएस पोर्टल पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किए जाएंगे। जहां से उनका चयन किया जाएगा।
विद्यालयों में छात्रों द्वारा तैयार किए गए विज्ञान मॉडल में से नेशनल इंनोवेशन फाउंडेशन एक लाख प्रोजेक्ट का चयन करेगा। पहले की तरह ही चयनित प्रोजेक्ट को जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने केलिए प्रत्येक छात्र को पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। जो कि उनके खाते में भेजे जाएंगे। इस धनराशि से छात्र जनपदीय स्तरीय प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। इनमें से उत्कृष्ट श्रेणी के केवल 10 प्रतिशत प्रोजेक्ट को एनआइएफ के विशेषज्ञ चयनित करेंगे जो कि राज्य स्तर पर भाग लेंगे।
आदर्श मॉडल विकसित करने के लिए छात्रों को मिलेंगे 20 हजार रुपये
प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर चयनित 10 प्रतिशत प्रोजेक्ट को राज्य स्तर पर होने वाली प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा। यहां से उत्कृष्ट नवाचारी प्रोजेक्ट का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा। इसके लिए प्रोजेक्ट को आदर्श मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए विद्यार्थियों के बैंक खाते में 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। राज्य स्तर पर चयनित 60 मॉडल को राष्ट्रपति भवन में वार्षिक उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1
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6:34 AM
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