पुरानी किताबों से ही होगी नए सेशन में पढ़ाई : अभी तक नहीं हो पाया किताबों को छापने के लिए टेंडर, फिर फिसड्डी साबित हुआ बेसिक शिक्षा विभाग
लखनऊ : प्राइमरी स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को एक अप्रैल में शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र में पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करनी होगी। कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक इस बार भी नई किताबों के लिए इंतजार करना होगा। अभी तक निश्शुल्क वितरित होने वाली किताबों को छापने के लिए अभी तक टेंडर ही नहीं हो पाया है। ऐसे में अभी किताबों को छापने और उन्हें स्कूलों में बांटने की प्रक्रिया में समय लगेगा। इस बार पिछले वर्ष से भी मामला लेट चल रहा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि पिछले वर्ष जनवरी में टेंडर की प्रक्रिया हो गई थी। समय पर टेंडर न होने और उसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से मामला पिछड़ता ही चला गया। ऐसे में अब तो यही उम्मीद है कि विद्यार्थियों को निश्शुल्क किताबें जुलाई तक मिल जाए तो बड़ी बात होगी। कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों को अपनी पूर्व की कक्षा में पढ़ने वाले सीनियर विद्यार्थियों की पुरानी किताबें लेकर काम चलाना होगा।
इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि अभी टेंडर की प्रक्रिया नहीं हुई है। फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि यह काम जल्द होगा। किताबें छपते ही उसे विद्यार्थियों तक पहुंचाने का काम प्राथमिकता पर किया जाएगा।
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