अब गठित होगा बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, करेगा परिषदीय व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति
⚫ परिषदीय विद्यालयों में हर साल बीस हजार से ज्यादा शिक्षक होते हैं रिटायर
⚫ साफ-सुथरी प्रक्रिया अपनाने पर जोर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एवं उच्च शिक्षा विभाग के सेवा चयन आयोग की तर्ज पर अब बेसिक शिक्षा सेवा चयन आयोग भी गठित करने की तैयारी है। यह कार्रवाई नई सरकार गठित होने के बाद संभव है। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक चयन में लगातार हो रही अनियमितता की शिकायतों को देखते हुए उच्च स्तर के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो चयन बोर्ड के लिए अध्यक्ष सहित पांच सदस्यीय बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बनाये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया गया है। बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से हर साल सेवानिवत्त होने वाले करीब बीस हजार शिक्षकों की चयन की कार्रवाई करेगा।मौजूदा समय में माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन कर रखा है। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग में परिषदीय विद्यालयों में हर साल तकरीबन बीस हजार से ज्यादा शिक्षक रिटायर होते हैं। दूसरी ओर नवीन स्कूल के खोलने पर भी पदों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों की संख्या भी करीब साढे़ तीन हजार के आसपास है। जिनमें भी हर साल रिटायर होने वाले करीब एक हजार शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या रहती है।
सेवानिवृत्ति तथा अन्य कारणों से पदों की रिक्तियों को भरे जाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग को सरकार के मनमाने नियमों के तहत चयन कार्रवाई करनी पड़ती है। बहत्तर हजार प्राइमरी तथा उन्तीस हजार जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों की भर्ती सरकारी मनमानी की वजह से कानूनी पचडे़ में अटकी है। जिससे भर्ती प्रक्रिया को लेकर संशय के साथ सरकार को वित्तीय तथा प्रशासनिक मशीनरी भारी खर्च झेलना पड़ता हैं। एक समान चयन कार्रवाई कराए जाने को लेकर काफी समय पहले प्रस्ताव तैयार किया गया था। लेकिन मामला अधर में अटक गया। अब एक बार फिर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। नई सरकार के गठन के बाद इस पर तेजी आएगी।
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