नियमावली से रुका बीटीसी दाखिला : दाखिले का प्रस्ताव बार-बार बदलने और शासन के निर्णय से प्रक्रिया अटकी, दो लाख सीटों पर होने हैं दाखिले
इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स टेनिंग यानी बीटीसी-2016 में दाखिले का प्रस्ताव बार-बार बदल रहा है। ऑनलाइन काउंसिलिंग कराने पर सहमति भी बन चुकी है लेकिन बीटीसी में दाखिले शुरू करने का मुहूर्त तय नहीं हो पा रहा है। सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से भेजा गया प्रस्ताव शासन में अटका है। उसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ने की उम्मीद है।
बीटीसी 2016 में दाखिले की प्रक्रिया पहले जनवरी-फरवरी माह में शुरू होनी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद वह अधर में अटक गई। उस दौरान बीटीसी की काउंसिलिंग ऑनलाइन कराने की ही पूरी तैयारी हुई थी और प्रस्ताव भी भेजा गया था। चुनाव के बाद मार्च में दूसरा प्रस्ताव सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने भेजा। इसमें आवेदन ऑनलाइन और काउंसिलिंग ऑफलाइन कराने का अनुरोध था। उस समय कहा गया कि एनआइसी साफ्टवेयर इतनी जल्दी तैयार नहीं कर पाएगा, जिसके आधार पर ऑनलाइन काउंसिलिंग हो सके।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने परीक्षा नियामक का प्रस्ताव मिलने के बाद एनआइसी के अफसरों से वार्ता की। इसमें उन बिंदुओं पर चर्चा हुई जो ऑनलाइन काउंसिलिंग में बाधा हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने ऑनलाइन काउंसिलिंग का प्रस्ताव भेजा है। दाखिले में महिला-पुरुष और कला-विज्ञान का आरक्षण खत्म करने के लिए शासन को प्रस्ताव दिया गया है। उसकी मुहर लगने के बाद ही ऑनलाइन आवेदन शुरू होगा।
दो लाख सीटों पर होंगे दाखिले : बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सूबे के सभी 64 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में कुल साढ़े दस हजार सीटों पर दाखिले होने हैं, जबकि निजी बीटीसी कॉलेजों की संख्या तकरीबन 2595 है। जहां पर बीटीसी प्रशिक्षण की सीटें एक लाख 81 हजार 750 है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बीटीसी कॉलेजों की संख्या भी शामिल है। अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेजों की संख्या 144 है, 12 हजार एक सौ सीटें हैं, इनमें भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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