आन्दोलन वापस लेने पर ही मिलेगी शिक्षामित्रों को राहत, सरकार ने शिक्षामित्रों के संगठनों से वार्ता में किया अपना रुख साफ, पुनर्विचार के लिए सुप्रीमकोर्ट जाने से किया साफ इंकार, धरना प्रदर्शन जारी

⚫ जिला मुख्यालयों पर छठे दिन भी आंदोलन जारी, स्कूलों में लटके ताले

⚫ समायोजन बहाल करने को सरकार से अध्यादेश लाने पर अड़े शिक्षामित्र


लखनऊ : शासन ने सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन वापस लेकर स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दें तो सरकार उन्हें राहत देने पर विचार कर सकती है। कानूनी विशेषज्ञों से मिली राय के आधार पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार इस मामले में रिव्यू के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी।




सोमवार को आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के साथ बैठक हुई। अपर मुख्य सचिव ने प्रतिनिधियों से कहा कि यदि शिक्षामित्र अपना आंदोलन खत्म कर दें तो सरकार उन्हें शिक्षकों की भर्ती में उनके सेवा अनुभव के आधार पर वेटेज देने के लिए नियमावली में संशोधन करेगी। उन्होंने शिक्षामित्रों को सरकार की ओर से दस हजार रुपये मासिक मानदेय दिये जाने का प्रस्ताव रखा। यह भी कहा कि शिक्षामित्रों के पास अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के लिए दो मौके हैं। वह शासन स्तर पर प्रयास करेंगे कि शिक्षामित्रों को टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए दो से ज्यादा मौके भी मिल सकें।




 संगठनों के कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में नहीं जाना चाहते हैं। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि शिक्षामित्र उन विद्यालयों में ही बने रहना चाहते हैं, जिनमें उनका समायोजन हुआ है तो इस पर शासन को कोई आपत्ति नहीं होगी।  वहीं इसके अलावा समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों ने शासन की दस हजार रुपये मासिक मानदेय देने की पेशकश ठुकरा दी है। उनका कहना था कि चूंकि शिक्षामित्र भी स्थायी शिक्षकों की तरह प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, इसलिए वे भी शिक्षक का वेतन पाने के हकदार हैं। इसके अलावा संगठनों के पदाधिकारियों की ओर से शिक्षामित्रों के लिए विशेष टीईटी आयोजित कराने की मांग की गई। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विशेष टीईटी का आयोजन संविधान में सभी के लिए समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ होगा। बैठक के बाद आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही और उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। 




इलाहाबाद : शिक्षामित्र सूबे की सरकार के बिना वाजिब कदम उठाए पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। शीर्ष कोर्ट के समायोजन रद करने के छठे दिन आंदोलन जारी है। बड़ी संख्या में शिक्षामित्र कार्य बहिष्कार करके तरह-तरह से धरना-प्रदर्शन और उग्र आंदोलन कर रहे हैं। बहराइच में ट्रेन रोकी गई तो कई जिलों में शिक्षामित्रों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया है। शिक्षक संगठनों ने समर्थन का एलान किया है, वहीं शिक्षामित्र सरकार से अध्यादेश जारी करने की मांग कर रहे हैं। 



लखनऊ में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र सौंपा गया और जल्द कोई हल नहीं निकलने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है। बहराइच में शिक्षामित्रों ने जरवल रोड स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन रोककर अपना विरोध जताया। बाराबंकी में शिक्षामित्रों ने बड़ेल के शांति पैलेस में धरना दिया। भाजपा विधायक शरद अवस्थी व विधायक बैजनाथ रावत ने सरकार तक उनकी मांगों को पहुंचाने का आश्वासन दिया। गोंडा में शांतिपूर्ण धरना चला शिक्षामित्रों ने अंबेडकर चौराहे से कलेक्ट्रेट तक मौन रैली निकाली। फैजाबाद में बारिश के बावजूद हजारों शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय के बाहर धरने पर जमे रहे और सरकार से जल्द अध्यादेश लाने की मांग की। मिल्कीपुर के विधायक बाबा गोरखनाथ को मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सौंपा। सीतापुर में विकास भवन में धरना प्रदर्शन हुआ। सदर विधायक राकेश राठौर ने धरना स्थल पर पहुंचकर उनकी लड़ाई में शामिल होने का वादा किया। लखीमपुर में बीएसए कार्यालय पर अनशन हुआ। अंबेडकरनगर में शिक्षामित्रों ने कहा है कि प्रदेश सरकार न चेती तो दिल्ली में संसद के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। रायबरेली के बीएसए कार्यालय व सुलतानपुर में कलेक्ट्रेट के सामने तिकोनिया पार्क में सुबह से धरना शुरू हो गया। सांसद वरुण गांधी के पीआरओ को मांग पत्र सौंपा गया। हरदोई में गांधी भवन में धरने पर बैठे शिक्षामित्रों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने समर्थन दिया। वहीं, उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सुनीता त्यागी ने मंगलवार को सभी जूनियर हाईस्कूलों को बंद रखने का आह्वान किया है। वाराणसी में शिक्षामित्रों ने बीआरसी बंद कराया और धरना दिया। शिक्षामित्रों ने शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं केंद्र व राज्य सरकार से नौकरी बचाने की गुहार लगाई। बड़गांव, पिंडरा, आराजी लाइन, काशी विद्यापीठ, चोलापुर, हरहुआ आदि ब्लाकों पर शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन व सभा की। 


आन्दोलन वापस लेने पर ही मिलेगी शिक्षामित्रों को राहत, सरकार ने शिक्षामित्रों के संगठनों से वार्ता में किया अपना रुख साफ, पुनर्विचार के लिए सुप्रीमकोर्ट जाने से किया साफ इंकार, धरना प्रदर्शन जारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:06 AM Rating: 5

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