विवाद निपटे, कब बदलेगी नियमावली : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में बड़े बदलाव की आवश्यकता
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती को लेकर चल रहे विवादों का अंत सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है। 25 जुलाई के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में बड़े बदलाव की आवश्यकता है ताकि भविष्य में होने वाली किसी भर्ती में दोबारा विवाद की स्थिति न आए।यूपी की शिक्षक भर्ती विवाद का कारण नियमावली की कमियां ही थीं। यदि बेसिक शिक्षा विभाग राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार शिक्षकों की भर्ती करता तो बेरोजगारों को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक वर्षों दौड़ नहीं लगानी पड़ती।
■ नियमावली में कुछ आवश्यक संशोधन इस प्रकार हैं:प्राइमरी की भर्ती से बीएड, सीटी नर्सरी, एनटीटी बाहर होंगे: एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार 31 मार्च 2014 के बाद कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में बीएड डिग्रीधारियों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। लेकिन वर्तमान में एक से पांच के लिए बीएड डिग्री मान्य है। जिसे बदलना बहुत जरूरी है। एनटीटी और सीटी नर्सरी को भी प्राइमरी की भर्ती से बाहर करना होगा क्योंकि अब इनकी नियुक्ति नहीं होती।
■ कई कोर्स जुड़ेंगे, कुछ का नाम बदलेगा : नियमावली में डीएड (स्पेशल एजुकेशन) और चार वर्षीय बीएलएड को जोड़ना पड़ेगा। इसके लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश हो चुके हैं। दो वर्षीय बीटीसी का नाम बदलकर डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) करना होगा।
■ प्रोफेशनल डिग्री विवाद को दूर करना होगा : नियमावली में प्रोफेशनल डिग्री विवाद को भी दूर करना होगा। हाई पावर कमेटी की तीन सितंबर 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा 6 से 8 तक के स्कूलों में गणित/विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रोफेशनल डिग्रीधारकों को अर्ह माना गया था। बीटेक, बीसीए, बीफार्मा, बीएससी कृषि, बीएससी गृह विज्ञान, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस आदि का बीटीसी में प्रवेश विज्ञान वर्ग में होता था। इसका स्पष्टीकरण भी देना होगा।
■ दूरस्थ माध्यम से बीएड/ बीटीसी भी मान्य होंगेदूरस्थ माध्यम से बीएड/बीटीसी करने वाले भी कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में भर्ती के लिए मान्य होंगे। नियमावली में इनके लिए कोई प्रावधान नहीं है।
■ शिक्षामित्रों के भारांक को भी जोड़ना होगा राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती में भारांक देने की बात कही है। यदि भारांक दिया जाता है तो उससे पहले नियमावली में संशोधन करना होगा नहीं तो फिर विवाद होगा।
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