94 हजार प्रेरकों की संविदा के नवीनीकरण पर लगी रोक, केंद्र से निर्देश न मिलने के कारण साक्षर भारत मिशन पर लगा ब्रेक
लखनऊ : प्रदेश में चल रहे साक्षर भारत मिशन पर ब्रेक लगा गया है। केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक के लिए योजना का विस्तार किया था। उसके बाद के लिए कोई निर्देश न मिलने के कारण राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण ने अगला आदेश आने तक योजना का संचालन न करने का निर्णय लिया है। इस अभियान को गति दे रहे प्रेरकों और समन्वयकों की संविदा के नवीनीकरण पर भी रोक लगा दी गई है। इसके चलते 94 हजार से अधिक प्रेरक खाली हाथ हो जाएंगे।
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केंद्र सरकार ने दिसंबर 2009 में साक्षर भारत मिशन शुरू किया था। इसे पहले 2012 तक चलाया जाना था। बाद में इसे 12वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा बना दिया गया। योजना के अंतर्गत 15 वर्ष की उम्र से अधिक के निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यूपी में यह योजना 70 जिलों के 756 विकास खंडों में चल रही है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो प्रेरक के अलावा ब्लॉक और जिला स्तर पर भी समन्वयक रखे गए हैं। प्रेरक को दो हजार रुपये और समन्वयक को 6 हजार रुपये मानदेय मिलता है। साक्षर बनाए गए लोगों के लिए साल में दो बार परीक्षा होती है।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सचिव अवध नरेश शर्मा ने योजना के अंतर्गत आने वाले जिलों की लोक शिक्षा समिति के सचिवों को हाल ही में निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 30 सितंबर के बाद योजना के संचालन के लिए कोई दिशा-निर्देश केंद्र की ओर से नहीं आया है। इसलिए 30 सितंबर के बाद जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक और प्रेरकों की संविदा का नवीनीकरण न किया जाए। फिलहाल इस तिथि के बाद योजना का संचालन नहीं होगा।
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